Friday 31 March 2017

यूरिक एसिड को खत्म करने में यह चूर्ण बहुत उपयोगी है, यहॉ पढ़िये पूरी जानकारी


यूरिक एसिड को खत्म करने में यह चूर्ण बहुत उपयोगी है, यहॉ पढ़िये पूरी जानकारी





यूरिक एसिड को खत्म करने में यह चूर्ण बहुत उपयोगी है, यहॉ पढ़िये पूरी जानकारी
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यूरिक एसिड की समस्या आज सबसे तेजी से बढ़ती हुई स्वास्थय समस्याओं में से एक है । जानकार लोग बताते हैं कि यह मुख्य तौर पर अनुचित खानपान के कारण होने वाला रोग है जो कही ना कही शरीर की रोग प्रतिरोधी शक्ति से भी जुड़ा हुआ है । इस पोस्ट में हम आपको एक बहुत विशेष चूर्ण के बारे में बता रहे हैं जो यूरिक एसिड को बहुत प्रभावी रूप से नियंत्रित करने में बहुत लाभकारी होता है । तो आइये जानते हैं इस चूर्ण के बारे में ।
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जरूरी सामग्री :-

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1 :- गिलोय का चूर्ण :- 200 ग्राम
2 :- मेथी दाना चूर्ण :- 100 ग्राम
3 :- अजवायन चूर्ण :- 100 ग्राम
4 :- अर्जुन छाल चूर्ण :- 100 ग्राम
5 :- चोबचीनी चूर्ण :- 100 ग्राम
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गिलोय का चूर्ण आपको गिलोय की बेल को सुखाकर पीसकर मिल जायेगा, बाकि चार सामान आपको अपने आस पास किसी जड़ीबूटी वाले अथवा पँसारी की दुकान पर आसानी से मिल जायेंगे ।
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बनाने की विधी :-

इन सभी सामानों को एक साथ लेकर हल्का दरदरा कूटकर मिक्सी में डालकर महीन चूर्ण तैयार कर लें और किसी काँच की साफ एयरटाईट शीशी में भरकर रख लें । आपका चूर्ण तैयार है ।
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सेवन विधी :- 

इस चूर्ण को 3-3 ग्राम की मात्रा में रोज सुबह और शाम लेना है । इस चूर्ण का सेवन गुनगुने जल के साथ करना अधिका उचित है । इसके सेवन काल में उचित परहेज का जरूर पालन करें । इस चूर्ण को लागातार 100 दिन तक सेवन करने से पुराने से पुराने यूरिक एसिड के रोगी को भी बहुत अच्छा लाभ मिलते हुये देखा गया है ।
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इस पोस्ट के माध्यम से दी गयी यह जानकारी हमारी समझ में पूरी तरह हानिरहित है, फिर भी आपके आयुर्वेदिक चिकितक के परामर्श से ही इस प्रयोग को करने की हम आपको सलाह देते हैं ।
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इस पोस्ट में दी गयी जानकारी आपको अच्छी और लाभकारी लगी हो तो कृपया लाईक और शेयर जरूर कीजियेगा । आपके एक शेयर से किसी जरूरतमंद तक सही जानकारी पहुँच सकती है और हमको भी आपके लिये और अच्छे लेख लिखने की प्रेरणा मिलती है । 

Thursday 23 March 2017

नजर को तेज बनाकर आँखों के चश्में से मिलेगी आजादी, ये है वो अचूक उपाय जो चश्में को कहे बाय बाय


नजर को तेज बनाकर आँखों के चश्में से मिलेगी आजादी, ये है वो अचूक उपाय जो चश्में को कहे बाय बाय

नजर को तेज बनाकर आँखों के चश्में से मिलेगी आजादी, ये है वो अचूक उपाय जो चश्में को कहे बाय बाय
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आँखों पर नजर का चश्मा लगाना एक अवस्था में मजबूरी भरी जरूरत बन जाता है जिसका समाधान सिर्फ आँखों के ऑप्रेशन द्वारा ही हो पाता है । किंतु अब यही एकमात्र सत्य नही है चश्में से छुटकारा एक स्पेशल उपाय द्वारा भी पाया जा सकता है । इस उपाय के बारे में हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से बता रहे हैं, जरूर पढ़िये और लाभ उठाइये ।
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जरूरी सामग्री :-

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देशी गाय के दूध से बना देशी घी आधा किलो
असली शुद्ध शहद 250 ग्राम
काली मिर्च 100 ग्राम
असली केसर 2 ग्राम
बादाम की गिरी 100 ग्राम
पिस्ते की गिरी 100 ग्राम
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बनाने की विधी :- 

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सबसे पहले काली मिर्च को सुखाकर और मिक्सी में पीसकर बारीक चूर्ण तैयार कर लें और बादाम एवं पिस्ते को बारीक बारीक कतर लें । इसके बाद देशी घी को सिर्फ इतना गर्म करें कि वो पिघल जाये । घी के पिघल जाने पर उसमें सभी चीजे अर्थात शहद, काली मिर्च का चूर्ण, केसर, पिस्ता और बादाम को मिलाकर खूब अच्छी तरह से मिक्स करदें । बस आपका नुस्खा तैयार है । इसको साफ काँच की शीशी अथवा मर्तबान में भरकर रख दीजिये । रोज सुबह और शाम एक-एक चम्मच सेवन करना है । 12 साल से छोटे बच्चों को आधा आधा चम्मच ही देना उचित है ।
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एक बात का विशेष ध्यान रखें, इस नुस्खे में अथवा किसी भी अन्य नुस्खे में कभी भी शहद और देशी घी को बराबर मात्रा में नही मिलाना चाहिये, दोनों को बराबर मात्रा में मिलाकर सेवन करने का आयुर्वेद के सभी ग्रंथों में पूरी तरह से निषेध किया गया है और स्पष्ट उल्लेख है कि किसी भी नुस्खे में शहद और घी को कम और ज्यादा के अनुपात में मिलाकर ही सेवन किया जाना चाहिये ।
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इस पोस्ट के माध्यम से दी गयी यह जानकारी हमारी समझ में पूरी तरह से हानिरहित है, फिर भी आपके आयुर्वेदिक चिकित्सक के परामर्श से ही इस नुस्खे को प्रयोग करने की हम सलाह देते हैं ।
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इस पोस्ट के माध्यम से दी गयी यह जानकारी आपको अच्छी और लाभकारी लगी हो तो कृपया लाईक और शेयर जरूर कीजियेगा । आपके एक शेयर से किसी जरूरतमंद तक सही जानकारी पहुँच सकती है और हमको भी आपके लिये और अच्छे लेख लिखने की प्रेरणा मिलती है ।

पलंगतोड़ पान, जो हर मदभरी स्त्री के मद को चूर चूर कर दे, लाख रूपये का नुस्खा


पलंगतोड़ पान, जो हर मदभरी स्त्री के मद को चूर चूर कर दे, लाख रूपये का नुस्खा

पलंगतोड़ पान, जो हर मदभरी स्त्री के मद को चूर चूर कर दे, लाख रूपये का नुस्खा
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मित्रों हर मर्द का एक ही सपना होता है, कि वो बहुत लम्बे समय तक मैथुन करने में सक्षम हो जाये और इसके लिये वो कुछ भी करने को तैयार रहता है । यहॉ आप्को कुछ भी नही करना है, बस पान खाना है, पान भी कोई ऐसा वैसा नही, स्पेशल पलंग तोड़ पान । इसको बनाने का तरीका हम आपको बता रहे हैं कि कैसे यह पलंग तोड़ पान बनाया जाये और अपनी जिंदगी को जोश से भरा जाये ।
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जरूरी सामान :-

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देशी पान का ताजा पत्ता




जायफल चूर्ण आधा ग्राम
लौंग चूर्ण आधा ग्राम
रस सिंदूर 125 मिलीग्राम
चंद्रोदय रस 250 मिलीग्राम
मनमथ रस 250 मिलीग्राम
गुलकंद 10 ग्राम
छोटी इलायची 2 नग
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रस सिंदूर, चंद्रोदय रस और मनमथ रस आपको अपने आसपास आयुर्वेदिक दवाओं की दुकान से मिल जायेंगे और बाकि समान आस पास बाजार से आसानी से मिल जायेंगे । आपको बस इतना करना है कि पान के ताजे देशी पत्ते पर गुल्कंद के साथ ऊपर लिखी गयी चीजे रखकर पान लगाना है और दिन में दो बार पान खाना है । शरीर कि रग रग में इतने जोश और बल सँचार होगा कि आपको खुद पर गर्व होगा । जरूर ट्राई करना बहुत ही उत्तम प्रयोग है ।
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हमारी समझ में यह प्रयोग पूरी तरह से हानिरहित है फिर भी हम सलाह देते हैं कि आपके आयुर्वेदिक चिकित्सक की परामर्श से ही इस पान का आप सेवन करें ।

आपकी पार्टनर करेगी त्राहीमाम और पडोसी कहेंगे कि धीरे करो, इस जलजले नुस्खे से


आपकी पार्टनर करेगी त्राहीमाम और पडोसी कहेंगे कि धीरे करो, इस जलजले नुस्खे से

आपकी पार्टनर करेगी त्राहीमाम और पडोसी कहेंगे कि धीरे करो, इस जलजले नुस्खे से
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यौन क्रिया एक परम आनंद का समय होता है और आजकल के युवा रति शक्ति में इतने कमजोर होते जा रहे हैं कि अपनी पार्टनर के रंग में आना शुरू करने के समय ही स्खलित होकर फारिग हो जाते हैं । इस पोस्ट में हम आपको बता रहे हैं एक ऐसा जलजला नुस्खा जिसको यदि आपने प्रयोग कर लिया तो आपकी पार्टनर का मद आप चूर चूर कर दोगे और वो आपसे त्राहीमाम कर उठेगी । पड़ोस वाले भैया भी बोलेंगे कि रात बहुत आवाज आ रही थी क्या खाया था । तो चलिये बताते हैं आपको इस जलजले नुस्खे के बारे में 
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लौंग 10 ग्राम
जायफल 10 ग्राम
कपूर 10 ग्राम
कस्तूरी 10 ग्राम
चंद्रोदय रस 10 ग्राम
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इन सब चीजों को आयुर्वेदिक दवा अथवा जड़ी बूटी वाले के पास से लेकर सबको एक साथ मिलाकर पीस लें और 50 ग्राम मिश्री मिलाकर इसकी 60 पुड़िये बना लें । एक एक पुड़िया रोज सुबह शाम को मुँह में डालकर बैठ जायें 10-15 मिनट में जब मुँह में खूब लार इकट्ठा हो जाये तो इसको पी जायें । कुछ भी थुकना नही है । 
इसको लगातार एक महीने के प्रयोग से अंग अंग में इतने जोश का सँचार होता है कि आप बिना कमजोरी और थकावट का अनुभव किये अपनी पार्टनर को चाँद की सैर करवा दोगे ।
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हमारी जानकारी में यह नुस्खा पूरी तरह हानि रहित है फिर भी अपने आयुर्वेदिक चिकित्सक की परामर्श से ही आपको इस नुस्खे के प्रयोग की हम सलाह देते हैं ।

Monday 13 March 2017

बार बार उल्टियॉ लगती हैं तो उनका उपचार कीजिये इन घरेलू उपायों के द्वारा


बार बार उल्टियॉ लगती हैं तो उनका उपचार कीजिये इन घरेलू उपायों के द्वारा


बार बार उल्टियॉ लगती हैं तो उनका उपचार कीजिये इन घरेलू उपायों के द्वारा
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बार बार उल्टियॉ होना वास्तव में कोई रोग ना होकर किसी अन्य रोग का लक्षण होता है जैसे कि बदहजमी, अम्लपित्त, फूडप्वाइजनिंग, भयंकर कब्ज़, लीवर में सूजन, आमाशय में सूजन आदि । वस्तुतः मूल रोग का उपचार होने से ही इस समस्या से पूर्ण समाधान सम्भव है । इस पोस्ट में हम आपको कुछ ऐसे उपचार बता रहे हैं जिनसे आप कुछ समय के लिये बार बार उल्टियों के होने पर रोक लगा सकते हैं और अपने चिकित्सक के पास सम्पूर्ण इलाज के लिये जा सकते हैं ।आइये जानते हैं इन उपचारों के बारे में ।
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1 :- दो भाग सौंफ, दो भाग देशी खाण्ड और एक भाग सफेद जीरा मिलाकर चूर्ण बना लें । इस चूर्ण को एक-एक ग्राम मुँह में रखकर चूसते रहने से बार बार उल्टी का वेग नही होता है ।
2 :- दो लौंग कूटकर आधा कटोरी पानी के साथ उबालें और ठण्डा करके पीने से उल्टी होना रुक जाती है ।
3 :- तुलसी और पोदीने की पत्तियॉ चबाकर ताजा पानी पीने से उल्टी की सम्भावना बहुत कम हो जाती है ।
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4 :- कपूर का अर्क 5 मिलीलीटर पीने से उल्टी रुक जाती है और दोषों का भी शमन हो जाता है ।
5 :- बहुत से लोगों को सफर के दौरान उल्टियॉ होने की शिकायत होती है । ऐसे लोग यदि सफर शुरू होने से आधा घण्टा पहले दो लौंग और आधे नीम्बू का रस का सेवन करें तो सफर के दौरान उल्टियॉ अमूमन फिर नही होती हैं ।
6 :- करीपत्ते की 10 पत्तियॉ उबालकर ठण्डा करके पीने से उल्टियों का होना रुक जाता है ।
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इस पोस्ट के माध्यम से दी गयी यह जानकारी हमारी समझ में पूरी तरह हानिरहित है, फिर भी आपके चिकित्सक के परामर्श से ही इनको सेवन करने की सलाह हम आपको देते हैं ।
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अम्लपित्त (peptic ulcer) की समस्या हो गयी है तो ये उपचार आपको लाभ देंगे


अम्लपित्त (peptic ulcer) की समस्या हो गयी है तो ये उपचार आपको लाभ देंगे


अम्लपित्त (peptic ulcer) की समस्या हो गयी है तो ये उपचार आपको लाभ देंगे
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बहुत ज्यादा मिर्च मसालेदार, अचार खटाई आदि, तला हुआ और चटपटा खाने, चाय-कॉफी, लाल मिर्च और कुछ दवाओं के ज्यादा सेवन से पेट में हाइड्रोक्लोरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है जिसके कारण अम्लपित्त की समस्या हो जाती है । यदि इस समस्या पर उचित समय पर ध्यान ना दिया जाये तो आमाशय में घाव बन जाते हैं । इस पोस्ट में हम आपको इस रोग से बचाव और इसके लक्षणों को खत्म करने के लिये कुछ लाभकारी घरेलू प्रयोगों के बारे में बता रहे हैं ।
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1 :- दोनों समय भोजन करने के बाद दो लौंग मुँह में रखकर चूसने से अम्लपित्त की समस्या में बहुत लाभ मिलता है ।
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2 :- गाजर का रस पीना अम्लपित्त के लिये बहुत लाभकारी नुस्खा है । दिन में दो बार ताजा निकाला गया गाजर का जूस 150-150 मिलीलीटर पीने से अम्लपित्त के रोगी को बहुत लाभ मिलता है ।
3 :- ऑवले का सेवन भी अम्लपित्त में रामबण उपचार है । ऑवले का सेवन साबुत खाकर, मुरब्बा बनाकर अथवा चूर्ण बनाकर रोज किया जा सकता है ।
4 :- अनार के जूस में दो चम्मच अदरक का जूस मिलाकर पीने से भी अम्लपित्त के रोगी को बहुत लाभ होता है ।
5 :- सौंफ का काढ़ा बनाकर दिन में दो टाईम पीने से अम्लपित्त रोग के कारण आमाशय में हुये घाव बहुत जल्दी भर जाते हैं और पेटमें ठण्डक का अहसास होता है ।
6 :- पुदीने और धनिये की पत्तियों का पेस्ट बनाकर चाटने से अम्लपित्त रोग के किसी भी उपचार में बहुत अच्छा लाभ मिलता है ।
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7 :- बेलपत्थर का ताजा जूस बनाकर पीने से अम्लपित्त के रोगी को पेट की सभी समस्याओं में बहुत लाभ मिलता है ।
8 :- कच्चा नारियल खाना और नारियल का पानी पीना आमाशय के घावों में जलन होने से बचाता है और घावों को भरने में भी बहुत लाभ देता है ।
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पेट में दर्द और अफारा की समस्या में ये उपाय अचूक रामबाण सिद्ध होते हैं


पेट में दर्द और अफारा की समस्या में ये उपाय अचूक रामबाण सिद्ध होते हैं

पेट में दर्द और अफारा की समस्या में ये उपाय अचूक रामबाण सिद्ध होते हैं
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पेट में अफारा हो जाना और उसके कारण पेट में दर्द हो जाना बहुत ही परेशानी का कारण बन जाता है जिसके होने के बहुत से कारण हो सकते हैं । कई बार इसका तत्काल उपचार घर पर भी कुछ सरल नुस्खों की सहायता से किया जा सकता है । इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको कुछ ऐसे ही कारगर घरेलू उपचार बता रहे हैं जो आपको बहुत लाभ देंगे ।
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1 :- सोंठ का चूर्ण एक ग्राम और आधा ग्राम काला नमक मिलाकर गरम पानी के साथ देने से अफारा कम हो जाता है ।
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2 :- यदि गैस पास ना हो रही हो तो नीम्बू के रस मे जायफल घिसकर चाटने से यह समस्या दूर हो जाती है ।
3 :- यदि रोगी को पेट में तेज दर्द हो तो अदरक और नीम्बू का तीन-तीन चम्मच रस मिलाकर देने से दर्द में बहुत आराम आता है ।
4 :- एक चम्मच सौंफ को एक कप पानी के साथ उबालकर पीने से पेट के अफारे और दर्द दोनों से ही आराम मिलता है । यदि उल्टी का मन हो रहा हो तो उसको भी यह ठीक करता है ।
5 :- पुदीने के 10 पत्ते और एक कप पानी को उबालकर पीने से भी अफारे और पेट के दर्द में तुरंत राहत मिलती है ।
6 :- अदरक, सेंधा नमक, जीरा और नीम्बू का सूप बनाकर पीने से अफारा बहुत जल्दी खत्म हो जाता है और पेट में आया कड़ापन भी खत्म हो जाता है ।
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7 :- कलौंजी, काली मिर्च और सौंठ को एक साथ बराबर बराबर लेकर पीसकर इस चूर्ण का 2 चुटकी को गुनगुने पानी के साथ सेवन करने से बहुत जल्दी ही अफारा खत्म हो जाती है और रुकी हुयी गैस पास हो जाती है ।
8 :- तुलसी के पत्तों का गुनगुने पानी के साथ पेस्ट बनाकर नाभि के चारों तरफ लेप करने से भी उत्तम लाभ होता है । 
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इस पोस्ट के माध्यम से दी गयी यह जानकारी हमारी समझ में पूरी तरह हानिरहित है, फिर भी आपके चिकित्सक के परामर्श से ही इनको सेवन करने की सलाह हम आपको देते हैं ।
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इस पोस्ट में दी गयी जानकारी आपको अच्छी और लाभकारी लगी हो तो कृपया लाईक और शेयर जरूर कीजियेगा, आपके एक शेयर से किसी जरूरतमंद तक सही जानकारी पहुँच सकती है और हमको भी आपके लिये और बेहतर लेख लिखने की प्रेरणा मिलती है ।

Sunday 12 March 2017

बदलते मौसम में एलर्जी की समस्या आपको परेशान करती है तो इन प्रयोगों को अपना लीजिये


बदलते मौसम में एलर्जी की समस्या आपको परेशान करती है तो इन प्रयोगों को अपना लीजिये

हमारी दैनिक ज़िन्दगी में एलर्जी एक बेहद आम सा शब्द है | जब हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक शक्ति कमज़ोर हो जाती है तो हमारा शरीर बहरी तत्वों या पदार्थों की एक निश्चित सीमा से अधिक हो जाने पर उनके प्रति संवेदनशील हो जाता है | हमारा शरीर संवेदनशीलता को विभिन्न प्रतिक्रियाओं के रूप में दिखाता है | बेवजह छींक आना , नाक से किसी भी मौसम में पानी बहने लगना , नाक लाल हो जाना आदि नाक में एलर्जी के लक्षण हैं | त्वचा में एलर्जी होने पर बेहद खुजली होना , लाल लाल दाने और चकत्ते पड़ना आदि त्वचा में एलर्जी के लक्षण हैं | इसी तरह कुछ लोगों को खाने से और धूप से भी एलर्जी होती है | इसका मुख्य कारण असंतुलित जीवन शैली तथा प्रदुषण के कारण हमारी रोग प्रतिरोधक शक्ति का कमजोर होना है | 
उपचार एवं नुस्खे -
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सौंफ का प्रयोग 
गुनगुने पानी में एक चम्मच अदरक का रस, पुदीना का रस एवं थोड़ा सा सौंफ का पाउडर डालें | इस मिश्रण को दिन में दो तीन बार प्रयोग में लें | इससे हमारे शरीर की शुद्धि होती है | 
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नीम 
अगर स्किन एलर्जी के कारण त्वचा में खुजली या इन्फेक्शन ज्यादा है , तो कुछ दिनों तक नीम के पानी से स्नान करें | नीम किसी भी प्रकार के त्वचा के इन्फेक्शन में बेहद लाभप्रद है |
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नारियल 
नारियल का तेल भी स्किन एलर्जी में लाभप्रद है | नारियल के तेल में नींबु का रस मिलाकर प्रभावित जगह पर लगाएं | सुबह नीम के पानी से धो लें | आराम मिलेगा | 
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गिलोय
2 चम्मच गिलोय के रस में एक चम्मच आंवले का रस मिलाएं और 1 चम्मच शहद के साथ कुछ दिनों तक सेवन करें | इस प्रयोग से नाक की एल्रर्जी में काफी फायदा पहुंचेगा | 
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च्वयनप्राश
च्वयनप्राश एक अद्भुत औषधि व रसायन है | सर्दियों में रोज सुबह एक चम्मच खाली पेट लेने से शरीर की रोगप्रतिरोधक शक्ति में जबरदस्त इजाफा होता है | 


मायूस वैवाहिक जीवन में दोबारा खुशियाँ ला देंगे यह नुस्खें, आसान प्रयोग से


मायूस वैवाहिक जीवन में दोबारा खुशियाँ ला देंगे यह नुस्खें, आसान प्रयोग से

आजकल के नवयुवक यौनशक्ति की दुर्बलता के शिकार आसानी से हो रहे हैं | तनाव भरी ज़िन्दगी , जंक फ़ूड एवं तैलीय मसालेदार भोजन का अधिक प्रयोग , भोजन में पोषक तत्वों की कमी तथा सुस्त जीवन शैली के कारण हमारी यौन ऊर्जा कमजोर पड़ जाती है | कुछ लोग बचपन से ही गलत संगत में पड़कर अपनी यौन शक्ति को बर्बाद कर देते हैं और बाद में पछताते हैं | वीर्य का पतलापन , जननांग में शिथिलता , शरीर में उतेजना की कमी , स्वप्नदोष आदि लक्षण हमारे शरीर में यौन शक्ति की कमी को दिखाते हैं | अलोपेथिक दवाएं शुरआती फायदा पहुंचाती हैं परंन्तु आगे चलकर इनसे साइड इफेक्ट्स होते हैं | कुछ लोग तो भटक कर नशे का शिकार हो जाते हैं और अपनी ज़िन्दगी से खिलवाड़ करते हैं | प्रकृति प्रदत्त आयुर्वेदिक औषधियां ही इस रोग में उपयुक्त उपाय हैं | 
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उपचार एवं नुस्खे -
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छुहारे 
5-6 छुहारों को बारक काट लें ,थोड़े काजू और बादाम भी ले लें और इनको दूध में मिश्री के साथ डालकर अच्छी तरह पकाएं | रोज रात को सोते समय यह प्रयोग करें | इसे काम शक्ति में इजाफा होता हैं | 
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गाजर 
गाजर यौन शक्ति बढ़ाने में कारगर उपाय हैं | रोज सुबह शाम खाली पेट गाजर का जूस पियें | यौनशक्ति बढ़ेगी | अन्य प्रयोग में खाली पेट गाजर का मेवों से भरपूर एवं शुद्ध घी में बना हलवा खाएं और ऊपर से दूध पी लें | ये भी एक प्रभावकारी उपाय हैं | 
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उड़द
उडद की दाल का शुद्ध घी में बना लड्डू खाएं | इसके ऊपर में दूध पी लें | इससे धातु पुष्ट होकर शक्ति प्राप्त होती हैं | 
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शिलाजीत 
शिलाजीत यौन शक्ति को बढ़ाने वाली अद्भुत औषधि हैं | 2 ग्राम शिलाजीत को गर्म दूध के साथ रात को रोज लें | यह यौनशक्ति तो बढाती ही हैं साथ में सारे यौन विकार भी दूर करती हैं |

गुप्त रोगी बिना पढ़े ना छोड़े – नामर्द को मर्द बनाने वाला ऐसा रामबाण नुस्खा जो राजे महाराजाओं द्वारा उपयोग किया हुआ है


गुप्त रोगी बिना पढ़े ना छोड़े – नामर्द को मर्द बनाने वाला ऐसा रामबाण नुस्खा जो राजे महाराजाओं द्वारा उपयोग किया हुआ है


गुप्त रोगी बिना पढ़े ना छोड़े – नामर्द को मर्द बनाने वाला ऐसा रामबाण नुस्खा जो राजे महाराजाओं द्वारा उपयोग किया हुआ है

गुप्त रोगी बिना पढ़े ना छोड़े — नामर्द को मर्द बनाने वाला रामबाण नुस्खा !! राजे महाराजाओं द्वारा उपयोग किया हुआ!! एवं आयुर्वेद का सबसे सफल एवं महान सम्भोग शक्ति का नुस्खा है यह!! जो पुरुष एक बार यह नुस्खा प्रयोग कर लेगा और उसके बाद अपने साथी से संबंध बनाएगा तो मैं दावे के साथ कह सकता हूं वह नारी सिर्फ उसकी ही बन के रह जाएगी !!
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➡ पुरुषों के समस्त गुप्त रोगों का रामबाण प्रयोग :

मूसली सफेद -35ग्राम
मूसली काली -55ग्राम
बहमन लाल -37ग्राम
बहमन सफेद -37ग्राम
सालम पंजा -52ग्राम
सालम मिश्री -32ग्राम
शुद्ध कौंच बीज -35ग्राम
बीज बंद -45ग्राम
पीला सतावर -32ग्राम
अस्वगंधा -30ग्राम
उंटंगन बीज -25ग्राम
सालम गत्ता -20ग्राम
रूमी मस्तगी – 25ग्राम
अकरकरा -25ग्राम
सिंघाड़ा गिरी -25ग्राम
विधारी कंद -35ग्राम
जायफल -35ग्राम
दालचीनी -35ग्राम
लौंग -35ग्राम
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जाफरन -27ग्राम
रस सिंदूर -लगभग 32ग्राम
शुद्ध शिलाजीत -60ग्राम
बंग भस्म -40ग्राम
मोती भस्म -25ग्राम
स्वर्ण भस्म -5मासे
प्रवाल पिष्टी -40ग्राम
सिध्मकरद्धवज -20ग्राम
लौह भस्म सहस्त्रपुस्तति -30ग्राम
अब्रक भस्म सहस्स्त्रपुस्तति -30ग्राम
उड़द की देसी घी में भुनी हुई दाल -175ग्राम
➡ तैयार करने का तरीका और प्रयोग विधि :

सभी औषधियों को धुप में सुखाकर चूर्ण बना ले !! फिर कपड़छान करे 2 बार फिर प्रयोग में लाये। आधा चम्मच सुबह आधा चम्मच शाम को खाना खाने के बाद दूध के साथ खाएं फिर देखिए इस नुस्खे का चमत्कार!!
➡ इस चमत्कारी उपाय के अद्भुत फायदे :

यह दवा मर्दाना कमजोरी,शीघ्र*पतन,शु*क्राणु की कमी, लिं*ग का टेढापन, संभोग की इच्छा न करना जल्दी निकल जाना, हस्त*मैथुन की वजह से,सुस्ती,इन्द्रिय का शिथिल न हो पाना, लंबे समय तक, व वृद्ध अवस्था को रोकने इत्यादि में बहुत ही ज्यादा लाभकारी है। बचपन की गलतियों के कारण अगर आपका लिं*ग छोटा हो गया है या !! आपकी उम्र के मुताबिक आपके लिं*ग का साइज बढ़ नहीं पाया !! उसको भी हंड्रेड परसेंट गारंटी के साथ 1:30 से 2 इंच लंबाई और मोटाई लिं*ग की बढ़ाएगा और आपके वी*र्य को गाढ़ा करके और ज्यादा मात्रा में बनाकर आपका सम्भोग करने का टाइम 15 से 20 मिनट गारंटी के साथ हर हाल में करेगा !! आपके अंग को पत्थर की तरह मजबूत करके पूरा स्ट्रांग कर देगा इसे 18 साल से लेकर 65 साल तक कोई भी पुरुष खा सकता है!! यह प्योर आयुर्वेदिक है है जिसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है दवा बनाते समय यह ध्यान रखे की जड़ी बूटिया ज्यादा पुरानी न हो,व् बढ़िया हो। यह 100 % हर्बल है कोई साइड इफ़ेक्ट नही है। यह दवा 101% किसी रोगी को उदास नही होने देगी।

रीठे से किया जा सकता है बवासीर का पूर्ण उपचार, जानिये कैसे


रीठे से किया जा सकता है बवासीर का पूर्ण उपचार, जानिये कैसे


अरीठे से किया जा सकता है बवासीर का पूर्ण उपचार, जानिये कैसे
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अरीठा जिसको सामान्य भाषा में रीठा बोला जाता है, अधिकतर बालों की समस्याओं में लाभकारी माना जाता है । बहुत कम लोग जानते हैं कि रीठे के द्वारा बवासीर का भी इलाज किया जा सकता है जो कि बहुत ही सस्ता सरल और लाभकारी होता है । आइये जानते हैं कि कैसे बवासीर के लिये रीठे से दवा तैयार की जाती है और उसको सेवन कैसे किया जाता है ।
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रीठे से बवासीर की दवा तैयार करने के लिये सबसे पहले साफ रीठे लेकर उनको फोड़कर उनमें से बीज निकाल कर फेंक दें । अब इन बीज निकाले हुये रीठे को लेकर लोहे के तवे या कढ़ाही में रख कर गैस जला दें और इनको सूखा ही इतना गर्म करें कि ये जलकर कोयला हो जायें । ध्यान रखें कि अग्नि में सीधे नही जलाना है बल्कि लोहे के तवे के नीचे आग रखनी है और ऊपर रीठे को रखना है । जब ये रीठे जलकर कोयले हो जायें तो फोड़कर चूरा कर लें फिर इसमें समान मात्रा में सूखा कत्था और पीसी हुई हल्दी का चूर्ण मिलाकर रख लें । आपकी दवा तैयार है । इस दवा को काँच की साफ शीशी में भरकर रख लें ।
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इस दवा की 200 मिलीग्राम मात्रा आपको दिन में दो बार लेनी है गाय के दूध से बने मक्खन अथवा गाय के दूध की मलाई से । यदि ये उप्लब्ध ना हों तो सादे पानी से सेवन कर लें । इस चूर्ण के सेवन के दौरान ध्यान रखें कि भोजन में केवल सेंधा नमक ही डालना है, समुंद्र वाला नमक नही । इसके अलावा बैंगन, सेम, उड़द की दाल, अरबी, भिण्डी, तला हुआ, मसाले दार, लाल मिर्च का सेवन ना करें । मूँग की दाल पुराने चावल, तोरी, पर्वल, पपीता, गुड़, बेल पत्थर, चोकर वाला आटा आदि का सेवन किया जा सकता है ।
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प्रारम्भ में यह दवा रोग के ठीक होने तक सेवन करें । जब रोग पूरी तरह ठीक हो जाये तो इसका सेवन बंद कर दें । हर चार महीने के बाद 10 दिन तक इस दवा का सेवन लगातार करते रहें जिससे यह रोग दोबारा आपको परेशान ना करे ।
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इस पोस्ट के माध्यम से दी गयी यह जानकारी हमारी समझ में पूरी तरह हानिरहित है, फिर भी आपके चिकित्सक के परामर्श से ही इस चूर्ण के सेवन करने की सलाह हम आपको देते हैं ।
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इस पोस्ट में दी गयी जानकारी आपको अच्छी और लाभकारी लगी हो तो कृपया लाईक और शेयर जरूर कीजियेगा, आपके एक शेयर से किसी जरूरतमंद तक सही जानकारी पहुँच सकती है और हमको भी आपके लिये और बेहतर लेख लिखने की प्रेरणा मिलती है ।

शरीर की सात धातुओं को पोषण देने वाला बहुत उत्तम चूर्ण


शरीर की सात धातुओं को पोषण देने वाला बहुत उत्तम चूर्ण


शरीर की सात धातुओं को पोषण देने वाला बहुत उत्तम चूर्ण
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आयुर्वेद के अनुसार शरीर सप्त धातुओं से धारण होता है, ये सप्त धातु हैं रस-रक्त-माँस-मेद-अस्थि-मज्जा-शुक्र । इनको धातु इसलिये बोलते हैं क्योंकि ये शरीर का धारण करती हैं । पहले वाली धातु अपने से बाद वाली धातु को पोषण देती है और धातुओं को जितना भी पोषण मिलेगा शरीर उतना ही मजबूत होगा । यह आयुर्वेद का एक बहुत गूढ़ सिद्धांत है । इस पोस्ट में हम इस बारे में ज्यादा गहराई में ना जाते हुये आपको एक ऐसे चूर्ण के बारे में बता रहे हैं जो इन सात धातुओं को पोषण देता है और इसको घर पर निर्मित करना भी बहुत आसान है । आइये जानते हैं इसकी सामग्री और निर्माण विधी
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जरूरी सामग्री :-

अश्वगंधा 100 ग्राम
तुलसी बीज 50 ग्राम
सौंठ 100 ग्राम
हल्दी चूर्ण 50 ग्राम
त्रिफला 200 ग्राम
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बनाने की विधी :-

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इस चूर्ण को बनाना बहुत ही आसान है । इन सभी चीजों को ऊपर लिखी गयी मात्रा में लेकर धूप में सुखाकर मिक्सी में पीस कर और सूती कपड़े में छानकर चूर्ण तैयार कर लें । एयर टाईट डिब्बे में बंद रखने पर यह चूर्ण 6-8 महीने तक खराब नही होता है । ये सभी चीजें आपको अपने आस पास किसी जड़ी-बूटी वाले के पास बहुत आसानी से मिल जायेंगी ।
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सेवन विधी :-

10 साल से कम उम्र के बच्चों को चौथाई से एक ग्राम, 16 साल तक के किशोर को 2 ग्राम और उससे बड़े व्यक्ति को 3-5 ग्राम तक सेवन करना है रात को सोते समय पानी, शहद, मलाई अथवा दूध के साथ ।
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इस चूर्ण के सेवन से मिलने वाले लाभ :-

1 :- शरीर में समस्त धातुओं को उचित पोषण देता है जिससे शरीर मजबूत और गठीला बनता है ।
2 :- पाचन सही रखता है जिससे खाया पिया शरीर को पूरी तरह से लगता है ।
3 :- बालों में चमक और मजबूती लाता है ।
4 :- त्वचा कांतिमय बनती है ।
5 :- शरीर में कैल्शियम की कमी नही होती जिससे हड्डियॉ मजबूत होती हैं ।
6 :- वात दोष के बढ़ने से हो जाने वाले रोगों से बचाव रहता है ।
7 :- शरीर में एलर्जी और अन्य इंफेक्शन जल्दी से नही होते हैं ।
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इस पोस्ट के माध्यम से दी गयी यह जानकारी हमारी समझ में पूरी तरह हानिरहित है, फिर भी आपके चिकित्सक के परामर्श से ही इस चूर्ण के सेवन करने की सलाह हम आपको देते हैं ।
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Saturday 4 March 2017

हड्डियों की मजबूती और शरीर में स्फुर्ती के लिये बहुत जरूरी है यह जूस, हर उम्र में


हड्डियों की मजबूती और शरीर में स्फुर्ती के लिये बहुत जरूरी है यह जूस, हर उम्र में


हड्डियों की मजबूती और शरीर में स्फुर्ती के लिये बहुत जरूरी है यह जूस, हर उम्र में
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हड्डियॉ, कोलेजन और कैल्शियम नामक दो तत्वों से मिलकर बनती हैं और हमारे शरीर की मजबूती का ढाँचा होती हैं । हड्डियॉ शरीर का धारण करती हैं और इसलिये ही आयुर्वेदिक सप्तधातुओं में हड्डियों को पाँचवें नम्बर की धातु माना गया है । मजबूत हड्डियॉ ही दृढ़ शरीर और पुष्ट माँसपेशियों का आधार बनती है । इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको एक ऐसे विशेष जूस के बारे में बता रहे हैं जो हड्डियों को मजबूत बनाता है और शरीर को भी स्फुर्ती युक्त बनाये रखता है । यह जूस हर उम्र के लोगों के लिये समान रूप से लाभकारी है और इसका कोई साइड इफेक्ट भी नही होता है । तो आइये जानते हैं इस जूस के बारे में और इसको बनाने की विधी ।
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जूस बनाने के लिये जरूरी सामग्री :-

1 :- पालक के ताजे हरे पत्ते 100 ग्राम
2 :- साफ छिला हुआ और बीज निकाला हुआ एक सन्तरा
3 :- छिला और कटा हुआ एक ताजा खीरा
4 :- एक सेब लगभग 150 ग्राम वजन का
5 :- अदरक का टुकड़ा 30 ग्राम और कटा हुआ
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जूस बनाने की विधी :-

जूस बनाना बहुत ही आसान है । जूस बनाने के लिये सभी सामान को एक एक करके जूसर में डालते जाओ और जो जूस निकले उसको एक बरतन में लेते जाओ । बस आपका जूस तैयार है । स्वाद के लिये इसमें थोड़ा सेंधा नमक मिला सकते हैं वरना ऐसे भी पी सकते हैं ।
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यह जूस हड्डियों की मजबूती के लिये बहुत ही लाभकारी सिद्ध होता है और इसका उत्तम संयोग शरीर को प्रचुर स्फुर्ती देता है । इस जूस की मात्रा बड़ों के लिये 200 मिलीलीटर प्रतिदिन एक बार और 12 साल से छोटे लोगों के लिये 100 मिलीलीटर प्रतिदिन एक बार पर्याप्त होती है । और छोटे बच्चों के लिये इसी अनुपात में मात्रा कम करके दे सकते हैं । ध्यान रखें कि ताजा निकाले जूस का ही सेवन करें । एक घण्टा पहले बना या फ्रीज का रखा हुआ जूस उतना गुणकारी नही रह पाता है ।
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इस पोस्ट के माध्यम से दी गयी यह जानकारी हमारी समझ में पूरी तरह हानिरहित है । फिर भी अपने चिकित्सक के परामर्श से इस जूस के सेवन की हम सलाह देते हैं ।
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मूत्र मार्ग में होने वाली पथरी के लिये बीयर का सेवन !!! जानिये कितना गलत है यह कदम


मूत्र मार्ग में होने वाली पथरी के लिये बीयर का सेवन !!! जानिये कितना गलत है यह कदम

मूत्रमार्ग की पथरी होने पर अक्सर एक सलाह देने वाले बहुत से लोग मिल जाते हैं कि बीयर पिओ तो पथरी निकल जायेगी । बहुत से रोगी इस सलाह को मानकर बीयर पीना शुरू भी कर देते हैं और उनमें से कुछ की पथरी निकल भी जाती है और कुछ लोगों की पथरी नही भी निकलती है । इस पोस्ट में प्रकाशित आयुर्वेद, मेरठ के सौजन्य से हमारा प्रयास है कि सही जानकारी आप तक पहुँचाई जाये । तो आइये जानते हैं :-
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बीयर पीने से गुर्दे और मूत्रमार्ग पर पड़ने वाले प्रभाव :-

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बीयर पीने से गुर्दे अपनी प्राकृतिक रफ्तार से ज्यादा तेज काम करना शुरू कर देते हैं जिसके कारण ज्यादा मात्रा में मूत्र का निर्माण शुरू हो जाता है । आपने देखा भी होगा कि बीयर या अन्य एल्कोहल पीने के बाद आपको बार बार पेशाब करने के लिये जाना पड़ता है । इस अवस्था में शरीर में पानी की कमी होने लगती है और शरीर डिहाइड्रेशन का शिकार हो सकता है । बीयर पीने से शरीर में ऑक्ज़ेलेट का स्तर बढ़ता है जो गुर्दे फेल होने और नयी पथरी बनाने का भी कारण बन सकता है । इसके अलावा ज्यादा मात्रा में बीयर एक साथ पीने से गुर्दे डैमेज भी हो सकते हैं । जरूरी नही कि सभी के साथ ऐसा ही हो किंतु इस बात की भी कोई गारण्टी नही कि आपके साथ ऐसा नही हो सकता है ।
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बीयर पीने से गुर्दे और मूत्रमार्ग की पथरी पर पड़ने वाला प्रभाव :-

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चूःकि बीयर पीने से मूत्र का निर्माण ज्यादा होता है अत: इस बात की सम्भावना जरूर बढ़ जाती है कि ज्यादा मूत्र बनने के कारण पैदा होने वाले ज्यादा प्रेशर के कारण पथरी मूत्रमार्ग में थोड़ा या काफी आगे बढ़ जाये और बाहर भी निकल सकती है । किंतु इस बात की कोई पूर्ण सम्भावना भी नही है कि ऐसा होगा ही होगा हो सकता है कि पथरी अपनी जगह पर ही पड़ी रहे ।
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तो फिर क्या किया जाये :-

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मेरी समझ में गुर्दे की पथरी को निकालने के लिये बीयर का सेवन करना कोई समझदारी वाला कदम नही है । किंतु फिर भी यदि आपकी जिद है कि गुर्दे की पथरी को निकालने के लिये बीयर पीनी ही है तो फिर मात्र दो दिन तक एक-एक बीयर ही पियें वो भी तब जबकि आपकी पथरी का साईज पाँच मिलीमीटर से छोटा हो इससे बड़े आकार की पथरी को निकालने के लिये कभी भी बीयर पर निर्भर नही होना चाहिये । लगभग सभी चिकित्सा पद्धतियों में गुर्दे की पथरी के लिये सफल इलाज मौजूद हैं जिनके लिये आप अपने चिकित्सक से सम्पर्क कर सकते हैं ।
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प्रकाशित आयुर्वेद, मेरठ के सौजन्य से दी गयी यह जानकारी आपको अच्छी और लाभकारी लगी हो तो कृपया लाईक और शेयर जरूर कीजियेगा । किसी और विषय में यदि जानकारी चाहते हों तो कमेण्ट बॉक्स में लिख सकते हों ।

पपीते के पत्तों का काढ़ा, बनाने में आसान और गुणों में बेमिसाल


पपीते के पत्तों का काढ़ा, बनाने में आसान और गुणों में बेमिसाल



पपीते के पत्तों का काढ़ा, बनाने में आसान और गुणों में बेमिसाल
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पपीते के गुणों और लाभों के बारे में तो आप हर कही पढ़ते ही रहते हो, किंतु इस पोस्ट में हम बात करेंगे पपीते के पत्तों से बनने वाले काढ़े और उससे मिलने वाले स्वास्थय लाभों के बारे में । सबसे पहले हम ये जानेंगे कि पपीते के पत्तों का काढ़ा बनता कैसे है और उसके बाद ये जानेंगे कि इसके क्या क्या स्वास्थय लाभ हैं । तो आइये जानते हैं पपीते के पत्तों का काढ़ा बनाने की विधी ...
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जरूरी सामग्री :-

पपीते के ताजे हरे पत्ते 100 ग्राम
ताजा पानी 800 ग्राम
स्टेनलेस स्टील का बर्तन
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पपीते के पत्तों का काढ़ा बनाने की विधी :-

पपीते के पत्तों का काढ़ा बनाना उतना ही आसान है  जितना कि और कोई भी दूसरा काढ़ा बनाना । सबसे पहले पपीते के 100 ग्राम ताजे हरे पत्ते लेकर उनको अच्छे से साफ कर के धो लें । फिर 800 ग्राम ताजा साफ पानी लेकर उसको स्टेनलेस स्टील ले बरतन में भर कर पत्तों को उसमें डाल दें । और गैस पर गरम होने के लिये रख दें । पहले गैस तेज रखें और जब पानी गरम हो जाये तो गैस को थोड़ा हल्का कर दें । पानी को गरम कर कर के इतना जलाओ कि वो केवल 200 ग्राम ही बाकि रहे । फिर गैस को बंद करके काढ़े को पीने लायक ठण्डा होने के लिये रख दें । जब पीने लायक ठण्डा हो जाये तो काढ़े को छानकर घूँट घूँट कर के पिये । ये काढ़ा दिन में एक बार पीना ही काफी होता है । सुबह खाली पेट पिया जाये तो और भी बेहतर ।
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पपीते के पत्तों के काढ़े से मिलने वाले लाभ :-

1 :- रोग प्रतिरोधी शक्ति बढ़ाता है :-

पपीते के पत्तों का काढ़ा शरीर की रोग प्रतिरोधी शक्ति बढ़ाता है जिस कारण से यह अक्सर नजला-जुखाम रहने वाले रोगियों, बदलते मौसम में बीमार पड़ने वालों के लिये बहुत लाभकारी होता है ।
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2 :- प्लेट्लेट्स बढ़ाता है :- 

हर साल मार्च के महीने से लेकर नवम्बर के महीने तक पूरे देश में डेंगू और चिकनगुनिया का बुखार बहुत ज्यादा लोगों को परेशान करता है और इस बुखार में खून में पायी जाने वाली प्लेट्सलेट्स कम हो जाती हैं । इस अवस्था में पपीते के पत्तों का काढ़ा बनाकर पीने से प्लेट्सलेट्स की सँख्या खून के अन्दर बहुत जल्दी पूरी होती है । यह प्रयोग बहुत से लोगों का सफलतापूर्वक आजमाया हुआ है ।
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3 :- आँखों की रोशनी बढ़ाता है :-

पपीते के पत्तों के काढ़े का प्रयोग आँखों की रोशनी बढ़ाने के लिये भी बहुत अनुकूल पड़ता है । यदि पपीते के पत्तों का काढ़ा रोज पिया जाये तो 3 महीने के अन्दर चश्मे के नम्बर में कमी आने का दावा जानकार लोग करते हैं ।
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4 :- खून को साफ करता है :-

पपीते के पत्तों का यह काढ़ा बनाकर पीने से यह खून को साफ करता है और खून में विकार होने से हो जाने वाले रोगों से बचाव करता है । जिन रोगियों को खून की एलर्जी, बार बार फोड़े होना, खुजली-चकत्ते आदि की समस्या हो उनको यह काढ़ा जरूर पीना चाहिये ।
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5 :- पेट की सूजन दूर करता है :-

पपीते के पत्तों का यह काढ़ा पीने से पेट को बहुत माफिक पड़ता है । यह पेट में अकारण रहने वाली सूजन को दूर करके पेट को मुलायम बनाता है और मल भी खुलकर आता है ।
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यहा पोस्ट की यह जानकारी हमारी जानकारी में पूर्णतया हानिरहित है । फिर भी सलाह दी जाती है कि किसी भी प्रकार के घरेलू नुस्खे को प्रयोग करने से पहले अपने आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर परामर्श करें ।
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Friday 3 March 2017

यौन शक्ति बढ़ाने के लिये कौंच के बीजों के विशेष नुस्खे, जिनको आप घर पर ही तैयार कर सकते हैं


यौन शक्ति बढ़ाने के लिये कौंच के बीजों के विशेष नुस्खे, जिनको आप घर पर ही तैयार कर सकते हैं


यौन शक्ति बढ़ाने के लिये कौंच के बीजों के विशेष नुस्खे, जिनको आप घर पर ही तैयार कर सकते हैं
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आयुर्वेद की लगभग सभी यौन शक्ति वर्धक दवाओं में कौंच के बीजों का प्रयोग प्राचीन काल से ही होता आया है । वैसे तो कौंच के बीज देखने में बहुत साधारण से लगते हैं किंतु गुणों के मामले में ये बीज बहुत आगे रहते हैं । साधारण जनमानस कौंच के बीजों के बारे में सुनता तो रहता है किंतु इसको सही तरह से प्रयोग करने का तरीका बहुत कम लोग जानते हैं । वैसे तो जो भी जानते हैं वो कौंच के बीजों की जानकारी सिर्फ यौन शक्ति वर्धन तक ही सीमित रखते हैं किंतु यह सही नही है । कौंच के बीज और भी बहुत से रोगों में प्रयोग किये जा सकते हैं जैसे कि कफ और वायु के विकार, हड्डियों की कमजोरी, रक्त विकार आदि किंतु इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको कौंच के बीजों के यौन शक्ति गुणों से सम्बंधित प्रयोग ही बतायेंगे । उम्मीद है ये प्रयोग आपको लाभ जरूर देंगे । इतना ध्यान रखियेगा कि कौंच के बीजों को छिलका उतारकर ही प्रयोग करना उचित होता है । अतः इस लेख में जहॉ पर भी कौंच के बीज का उल्लेख हो वहॉ पर छिलका उतारे हुये कौंच के बीजों का ही ग्रहण करें ।
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प्रयोग 1 :-

कौंच के बीज, सफेद मूसली, काली मूसली और शतावरी इन सभी चीजों को बराबर मात्रा में लेकर, धूप में सुखाकर बारीक चूर्ण तैयार कर लें । इस चूर्ण की मात्रा 5-5 ग्राम दिन में दो बार लेनी है । यदि इसको मिश्री डालकर मीठे किये गये गाय के दूध के साथ लिया जाये तो यह और भी लाभकारी हो जाता है । इस चूर्ण के लाभ शरीर के दुबलेपन, नसों की कमजोरी और सम्बंध बनाने से विरक्ति आदि दशाओं में विशेष दिखाई देते हैं ।
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प्रयोग 2 :- 

कौंच के बीज 100 ग्राम, अश्वगंधा 200 ग्राम, विदारी कंद 100 ग्राम और मिश्री 100 ग्राम लेकर इन सबका एक साथ बारीक पीसकर कपड़े में छाना हुआ चूर्ण तैयार कर लें । इस चूर्ण की मात्रा 6-6 ग्राम दिन में दो बार गुनगुने पानी के साथ लेनी चाहिये । जिन लोगों को शुगर की समस्या हो वो मिश्री के बिना ही इस चूर्ण को तैयार करें । यह चूर्ण शारीरिक बल में कमी, जल्दी थकान होना और मानसिक तनाव जैसी समस्याओं में लाभ देता है ।
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प्रयोग 3 :‌-

कौंच के बीज 200 ग्राम, उड़द की साबुत दाल 200 ग्राम शतावरी 100 ग्राम और तालमखाना 100 ग्राम लेकर सभी को धूप में सुखाकर बारीक चूर्ण बना लें । इस चूर्ण को 5-5 ग्राम की मात्रा में दिन में दो बार शहद के साथ लिया जाना उचित होता है । यह चूर्ण यौन शक्ति को विशेष रूप से बढ़ाता है । जिन लोगों को समय कम हो गया है उनके लिये यह बहुत लाभकारी सिद्ध होता है । यह चूर्ण पेट को थोड़ा भारी पड़ता है अतः जिन लोगों की पाचन शक्ति कमजोर हो उनको यह चूर्ण सेवन करने की सलाह नही दी जाती है । फिर भी अगर कमजोर पाचन शक्ति वाले इस चूर्ण का प्रयोग करना चाहते हैं तो इसके सेवन काल में आयुर्वेदिक औषधि "अश्वगंधा-रिष्ट" का सेवन 10-10 मिलीलीटर का सेवन बराबर मात्रा में पानी मिलाकर दिन में दो बार भोजन के बाद अवश्य करें ।
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किसी भी रोग में घरेलू नुस्खे आपके चिकित्सक की सलाह का विकल्प नही होते हैं । रोग के लक्षण ज्यादा होने पर अपने चिकित्सक से जरूर परामर्श करें ।
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आँखों की रोशनी बढ़ाता है और सिर के बालों को मजबूत बनाता है यह सरल प्रयोग, जरूर पढ़ें


आँखों की रोशनी बढ़ाता है और सिर के बालों को मजबूत बनाता है यह सरल प्रयोग, जरूर पढ़ें 


आँखों की रोशनी बढ़ाता है और सिर के बालों को मजबूत बनाता है यह सरल प्रयोग, जरूर पढ़ें 
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आधुनिक जीवनशैली की देन बहुत सारे रोगों में से दो समस्याएं बहुत प्रमुख हैं, आखों की रोशनी कम होना और सिर के बालों का कमजोर होकर टूट जाना । ये दोनों ही समस्याएं ऐसी हैं कि धीरे धीरे शुरू होकर स्थायी रूप से आपको परेशान करने लगती हैं । इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको एक ऐसा सरल प्रयोग बता रहे हैं जो बहुत से रोगियों पर आजमाया हुआ और बहुत अच्छे रिजल्ट देने वाला सिद्ध हुआ है । इस प्रयोग को हम आपके लिये प्रकाशित कर रहे हैं, जरूर लाभ उठाइयेगा ।
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इस नुस्खे को तैयार करने के लिये आपको निम्नलिखित सामग्री की जरूरत पड़ेगी :-

1 :- गाय के दूध से बना देशी घी आधा किलो
2 :- शुद्ध शहद एक किलो
3 :- काली मिर्च 200 ग्राम
4 :- अलसी के बीज 500 ग्राम
5 :- साबुत लहसुन चार
6 :- बादाम की गिरी 200 ग्राम
7 :- पिस्ता 200 ग्राम
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तैयार करने की विधी :-

इस नुस्खे को तैयार करने के लिये सबसे पहले अलसी के बीज को धूप में सुखाकर दरदरा कूट लें और काली मिर्च का मिक्सी में चलाकर बारीक पाउडर बना लें । इसके बाद लहसुन की चारों पोथियों की सभी कली को छिलकर बारीक बारीक कतर लें । बादाम और पिस्ते को भी बारीक बारीक काट लें । सभी सामान के तैयार हो जाने के बाद इनको एक साथ मिला लें । अब देशी घी को कढ़ाही में डालकर बस इतना गर्म करें की घी पिघल जाये । अब इस पिघले हुये घी में सभी सामान डालकर मिला दें । सबसे आखिर में जब घी ठण्डा होना शुरू हो जाये तो उसमें शहद भी मिलाकर बहुत अच्छी तरह से मिला लें और काँच के मर्तबान या शीशी में भरकर रख लें । आपका नुस्खा तैयार है ।
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सेवन विधि :-

इस नुस्खे को सभी उम्र के लोग और महिला-पुरुष-किन्नर खा सकते हैं । उम्र के अनुसार खुराक की मात्रा निम्न प्रकार रहेगी
3 साल तक के बच्चे एक तिहाई चम्मच सुबह और शाम
3 से 8 साल तक के बच्चे आधा चम्मच सुबह और शाम
8 से 16 साल तक के युवा एक चम्मच सुबह और शाम
16 साल से ऊपर दो चम्मच सुबह और शाम
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ध्यान रखें :-

आयुर्वेद ग्रंथों में घी और शहद को समान मात्रा में मिलाकर लेने का पूरी तरह मना किया है और स्पष्ट उल्लेख मिलता है कि जब भी शहद और घी मिलाकर लेने हों तो दोनों की मात्रा एक दुसरे से कम और ज्यादा होनी चाहिये । इस नुस्खे का संयोजन लिखते समय हमने इस बात का पूर्ण ध्यान रखा है । आप भी इस नुस्खे को घर पर तैयार करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें कि घी और शहद की मात्रा एक दुसरे के बराबर ना होकर कम और ज्यादा होनी चाहिये । चाहे घी ज्यादा हो अथवा शहद । इस नुस्खे में शहद की मात्रा अधिक ली जानी चाहिये ।
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इस ब्लॉग के माध्यम से आप सभी के लाभ के लिये प्रकाशित किया गया यह नुस्खा आपको अच्छा और लाभकारी लगा हो तो कृपया इस पोस्ट को फेसबुक पर शेयर जरूर कीजियेगा । शायद आपके एक शेयर से किसी जरूरतमंद तक यह जानकारी पहुँच ही जाये । साथ ही आपके लाईक और शेयर करने से भविष्य में आपके लिये और अच्छे अपडेट लाने के लिये हमें भी उत्साह मिलता है ।

सफेद दाग का इलाज घर बैठे कर सकते हैं इन उपायों के साथ, किंतु थोड़ा धैर्य जरूर रखें


सफेद दाग का इलाज घर बैठे कर सकते हैं इन उपायों के साथ, किंतु थोड़ा धैर्य जरूर रखें


सफेद दाग का इलाज घर बैठे कर सकते हैं इन उपायों के साथ, किंतु थोड़ा धैर्य जरूर रखें
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सफेद दाग के रोगी को रोग से इतना ज्यादा शारिरिक कष्ट नही होता जितना कि वह इसके कारण मानसिक कष्ट भोगता है । यह कोई संक्रामक रोग नही है किंतु फिर भी इस तरह के रोगी को कुछ हद तक समाज में भेदभाव का सामना करना पड़ जाता है । इस रोग की बुरी बात यह है कि यह बहुत धीरे धीरे जाता है और अच्छी बात यह है कि यह पूरी तरह ठीक हो जाता है बस जरुरत होती है धैर्यपूर्वक सही इलाज करते रहने की । इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको सफेद रोग की चिकित्सा के लिये कुछ असरकारी प्रयोग बता रहे हैं जिनको आप घर बैठे कर सकते हैं बस इतना जरूर  ध्यान रखियेगा कि यह रोग धीरे धीरे ही ठीक होता है अतः थोड़ा लम्बे समय तक ये प्रयोग आपको करने पड़ेंगे । आइये जानते हैं इन प्रयोगों के बारे में
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1 :- सबसे पहले रोगी आदत डाल ले कि रोज सुबह उठकर ताँबे के बरतन में रात भर रखा हुआ पानी भर पेट पीना है । जिस तरह एक अच्छी शुरुआत किसी भी रेस को जीतने के लिये जरूरी होती है उसी तरह सुबह को पिया गया ताँबे के बरतन का पानी इस रोग को ठीक करने के लिये बहुत लाभकारी होता है ।
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2 :- इमली के चार सौ ग्राम बीजों को लेकर चार दिन के लिये पानी में भिगोकर रख दें । चार दिन में इमली के बीजों का छिलका फूल जाता है अब इस छिलके को हाथों से मसल कर उतार दें । बाकुची के बीज 200 ग्राम लेकर दो घण्टे के लिये पानी में भिगोकर रख दें । अब इन दोनों तरह के बीजों ( इमली के छिलके उतारे हुये और बाकुची ) को धूप में पूरी तरह सुखा लें । जब ये सूख जायें तो इन को पीसकर बारीक चूर्ण तैयार कर लें । इस चूर्ण को प्रयोग करने के लिये पानी के साथ पतला पेस्ट बनाकर सफेद दाग वाले हिस्से पर लेप कर लें और 2-3 घण्टे के लिये लगा रहने दें । यह प्रयोग रोज एक बार करना है । कुछ रोगियों में इस प्रयोग से दाग वाले हिस्से पर पानी के छाले जैसे बन जाते हैं तो इन छालों से डरना नही है बस छाले हो जाने पर इस प्रयोग को उस हिस्से पर करना बंद कर दें और रोज नारियल का तेल लगायें । जब छाले ठीक हो जायें तो पुनः यह प्रयोग शुरु कर दें । धीरे धीरे एक-दो महीने में दागों का रंग बदलना और आकार कम होना शुरु हो जायेगा । ध्यान रखें यह चूर्ण लगाने के लिये है खाने के लिये नही । वैसे अगर गलती से खा भी लेते हैं तो कोई परेशानी वाली बात नही है ।
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3 :- मूली के बीज दो ग्राम और पिसी हल्दी पाउडर दो ग्राम लेकर दिन में दो बार गुनगुने पानी के साथ सेवन करें । यह प्रयोग उपरोक्त लेप वाले प्रयोग के साथ ही लगातार करना है ।
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4 :- बाजार में आयुर्वेदिक दवाओं की दुकान से आयुर्वेदिक औषधि "गंधक रसायन" मिलती है । गंधक रसायन की दो-दो गोलियॉ दिन में तीन बार ताजे पानी के साथ लें ।
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5 :- रोज सुबह सूरज उगने के समय दाग वाले हिस्सों को सूरज की रोशनी में कर के बैंठे लगभग पन्द्रह मिनट रोज ।
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6 :- खाने पीने में ताजा बना और सात्विक खाना ही लें । मिर्च-मसालेदार और खटाई वाला तला भुना बिल्कुल ना खायें ।
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ध्यान रखें किसी भी रोग में घरेलू इलाज आपके चिकित्सक की सलाह का विकल्प नही होते हैं । लक्षण ज्यादा होने पर अपने चिकित्सक से जरूर परामर्श करें ।
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लीवर पर कितनी भी सूजन हो, ये जूस उसको बिल्कुल ठीक कर देते हैं


लीवर पर कितनी भी सूजन हो, ये जूस उसको बिल्कुल ठीक कर देते हैं 


लीवर पर कितनी भी सूजन हो, ये जूस उसको बिल्कुल ठीक कर देते हैं 
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मित्रों लीवर हमारे शरीर का बहुत ही महत्तवपूर्ण हिस्सा है और सहनशील भी । सहनशील इसलिये क्योकि इस पर सूजन आने के बाद भी ये लगभग सही तरह से अपना काम करता है और खुद को अपने आप से ठीक करने के प्रयास भी करता रहता है । किंतु लीवर की सूजन की समस्या हो जाने पर हमको इसे ठीक करने के प्रयास जरूर करने चाहिये । इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको लीवर की सूजन को ठीक करने के लिये कुछ असरकारी जूस के बारे में बतायेंगे । उम्मीद है आप इनसे लाभ जरूर उठायेंगे ।
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गाजर और ऑवले का जूस :-

लीवर की सुजन के लिये गाजर और ऑवले का जूस बहुत ही लाभकारी होता है । यह जूस बनने का तरीका बहुत सरल है । इस जूस को बनाने के लिये लाल गाजरों का जूस 150 मिलीलीटर और ताजे ऑवले का जूस 20 मिलीलीटर लेकर मिलाना है और इस जूस में 2 ग्राम सेंधा नमक ( वो नमक जो हम व्रत में खाते हैं ) मिलाकर रोज एक बार नाश्ते में पीना है । इस जूस का सेवन करने से एक सप्ताह में लीवर की सूजन की समस्या में आराम आने लगता है और एक महीने लगभग में लीवर की सूजन लगभग ठीक ही हो जाती है । इस जूस का सेवन वो लोग भी कर सकते हैं जिनको लीवर पर सूजन की समस्या नही है ।
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पालक और चकुंदर का जूस :-

लीवर की सूजन की समस्या के लिये दूसरा जूस होता है पालक और चकुंदर का जूस बनाकर पीना । इस जूस को बनाने के लिये सबसे पहले पालक के ताजे पत्तों को धोकर और कूटकर 100 मिलीलीटर जूस निकालें औरफिर चकुंदर का जूस 30 मिलीलीटर निकालें इन दोनों को मिलाकर इसमें चुटकी भर काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर पीने सेयह लीवर की सूजन की समस्या की बहुत उत्तम दवा बन जाती है । इस जूस का सेवन लगातार रोज किया जा सकता है ।
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जूस बनाने के बाद इनको तुरन्त ही ताजा ही पी लें और रखा हुया जूस नही पीना चाहिये । ध्यान रखें की किसी भी रोग में घरेलू नुस्खे कभी भी आपके चिकित्सक की सलाह की जगह नही ले सकते हैं अतः यदि रोग के लक्षण ज्यादा तीव्र हो तो अपने चिकित्सक से जरूर परामर्श करें ।
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Thursday 2 March 2017

रोज सुबह खाली पेट पानी पियोगे तो बहुत सारे लाभ होते हैं, जानिये क्या क्या !!!


रोज सुबह खाली पेट पानी पियोगे तो बहुत सारे लाभ होते हैं, जानिये क्या क्या !!!


रोज सुबह खाली पेट पानी पियोगे तो बहुत सारे लाभ होते हैं, जानिये क्या क्या !!!
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पानी जीवन के लिये कितना जरूरी है ये आप सब जानते ही हैं, लेकिन हम सभी में से अधिकतर पानी का प्रयोग प्यास बुझाने तक ही जानते हैं । किंतु पानी पीने के बहुत सारे अन्य लाभ भी हैं और यदि पानी सुबह खाली पेट पिया जाये तो फिर यह शरीर के लिये बहुत ही सारे लाभ हम सबको देता है । इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको सुबह खाली पेट पानी पीने से मिलने वाले स्वास्थय लाभों की जानकारी देने का एक छोटा सा प्रयास कर रहे हैं, उम्मीद है आप सबको पसंद आयेगा । आइये जानते हैं सुबह खाली पेट पानी पीने के लाभों के बारे में ।
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शरीर को साफ करता है :-

सुबह पानी खाली पेट पीने का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह शरीर के अंदर की गन्दगी को साफ करने का बहुत ही महत्तवपूर्ण कार्य करता है । सुबह खाली पेट पानी पीने से आँतों में सँचित मल सुगमता से निकल जाता है और साथ ही साथ शरीर की अन्य गन्दगियॉ भी मूत्र और पसीने के साथ निकल जाती हैं ।
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भूख बढ़ाता है :-

सुबह खाली पेट पानी पीने से पेट के अन्दरूनी अंगों में निर्मलता आती है और पाचन तंत्र की कार्य क्षमता बढ़ती है जिस कारण पाचन दुरुस्त होता है और भूख भी खुल कर लगती है ।
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नये रक्त का निर्माण होता है :-

कुछ रिसर्च में पाया गया है कि सुबह खाली पेट पानी पीने से लीवर में व्याप्त गन्दगी साफ रहती है और लीवर अपनी पूर्ण क्षमता से काम करता है जिस कारण शरीर में नये रक्त का निर्माण सुचारू रूप से होता है ।
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डिहाइड्रेशन नही होता :-

जापान के एक स्वास्थ्य रिसर्च सेन्टर ने पचास पचास लोगों के दो समूहों पर रिसर्च करके पाया है कि जिस समूह के लोगों को रोज सुबह खाली पेट पानी पीने को दिया गया उन लोगों में तीव्र गर्मी में जाने पर और ज्यादा पसीना निकल जाने पर भी शरीर में पानी की कमी (डिहाइड्रेशन) के लक्षण नही पाये गये ।
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त्वचा चमकदार बनती है :-

रोज सुबह खाली पेट पानी पीने से त्वचा को पर्याप्त नमी बनाये रखने में बहुत मदद मिलती है जिस कारण त्वचा चमकदार और स्वस्थ बनती है ।
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सुबह खाली पेट पानी पीने से मिलने वाले इन स्वास्थय लाभों की जानकारी आपको अगर अच्छी और लाभकरी लगी हो तो कृपया पोस्ट को फेसबुक पर शेयर जरूर करें हमारा उत्साह वर्धन हो जायेगा ।