रीठे से किया जा सकता है बवासीर का पूर्ण उपचार, जानिये कैसे
अरीठे से किया जा सकता है बवासीर का पूर्ण उपचार, जानिये कैसे
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अरीठा जिसको सामान्य भाषा में रीठा बोला जाता है, अधिकतर बालों की समस्याओं में लाभकारी माना जाता है । बहुत कम लोग जानते हैं कि रीठे के द्वारा बवासीर का भी इलाज किया जा सकता है जो कि बहुत ही सस्ता सरल और लाभकारी होता है । आइये जानते हैं कि कैसे बवासीर के लिये रीठे से दवा तैयार की जाती है और उसको सेवन कैसे किया जाता है ।
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रीठे से बवासीर की दवा तैयार करने के लिये सबसे पहले साफ रीठे लेकर उनको फोड़कर उनमें से बीज निकाल कर फेंक दें । अब इन बीज निकाले हुये रीठे को लेकर लोहे के तवे या कढ़ाही में रख कर गैस जला दें और इनको सूखा ही इतना गर्म करें कि ये जलकर कोयला हो जायें । ध्यान रखें कि अग्नि में सीधे नही जलाना है बल्कि लोहे के तवे के नीचे आग रखनी है और ऊपर रीठे को रखना है । जब ये रीठे जलकर कोयले हो जायें तो फोड़कर चूरा कर लें फिर इसमें समान मात्रा में सूखा कत्था और पीसी हुई हल्दी का चूर्ण मिलाकर रख लें । आपकी दवा तैयार है । इस दवा को काँच की साफ शीशी में भरकर रख लें ।
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इस दवा की 200 मिलीग्राम मात्रा आपको दिन में दो बार लेनी है गाय के दूध से बने मक्खन अथवा गाय के दूध की मलाई से । यदि ये उप्लब्ध ना हों तो सादे पानी से सेवन कर लें । इस चूर्ण के सेवन के दौरान ध्यान रखें कि भोजन में केवल सेंधा नमक ही डालना है, समुंद्र वाला नमक नही । इसके अलावा बैंगन, सेम, उड़द की दाल, अरबी, भिण्डी, तला हुआ, मसाले दार, लाल मिर्च का सेवन ना करें । मूँग की दाल पुराने चावल, तोरी, पर्वल, पपीता, गुड़, बेल पत्थर, चोकर वाला आटा आदि का सेवन किया जा सकता है ।
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प्रारम्भ में यह दवा रोग के ठीक होने तक सेवन करें । जब रोग पूरी तरह ठीक हो जाये तो इसका सेवन बंद कर दें । हर चार महीने के बाद 10 दिन तक इस दवा का सेवन लगातार करते रहें जिससे यह रोग दोबारा आपको परेशान ना करे ।
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इस पोस्ट के माध्यम से दी गयी यह जानकारी हमारी समझ में पूरी तरह हानिरहित है, फिर भी आपके चिकित्सक के परामर्श से ही इस चूर्ण के सेवन करने की सलाह हम आपको देते हैं ।
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