यौन शक्ति बढ़ाने के लिये कौंच के बीजों के विशेष नुस्खे, जिनको आप घर पर ही तैयार कर सकते हैं
यौन शक्ति बढ़ाने के लिये कौंच के बीजों के विशेष नुस्खे, जिनको आप घर पर ही तैयार कर सकते हैं
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आयुर्वेद की लगभग सभी यौन शक्ति वर्धक दवाओं में कौंच के बीजों का प्रयोग प्राचीन काल से ही होता आया है । वैसे तो कौंच के बीज देखने में बहुत साधारण से लगते हैं किंतु गुणों के मामले में ये बीज बहुत आगे रहते हैं । साधारण जनमानस कौंच के बीजों के बारे में सुनता तो रहता है किंतु इसको सही तरह से प्रयोग करने का तरीका बहुत कम लोग जानते हैं । वैसे तो जो भी जानते हैं वो कौंच के बीजों की जानकारी सिर्फ यौन शक्ति वर्धन तक ही सीमित रखते हैं किंतु यह सही नही है । कौंच के बीज और भी बहुत से रोगों में प्रयोग किये जा सकते हैं जैसे कि कफ और वायु के विकार, हड्डियों की कमजोरी, रक्त विकार आदि किंतु इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको कौंच के बीजों के यौन शक्ति गुणों से सम्बंधित प्रयोग ही बतायेंगे । उम्मीद है ये प्रयोग आपको लाभ जरूर देंगे । इतना ध्यान रखियेगा कि कौंच के बीजों को छिलका उतारकर ही प्रयोग करना उचित होता है । अतः इस लेख में जहॉ पर भी कौंच के बीज का उल्लेख हो वहॉ पर छिलका उतारे हुये कौंच के बीजों का ही ग्रहण करें ।
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प्रयोग 1 :-
कौंच के बीज, सफेद मूसली, काली मूसली और शतावरी इन सभी चीजों को बराबर मात्रा में लेकर, धूप में सुखाकर बारीक चूर्ण तैयार कर लें । इस चूर्ण की मात्रा 5-5 ग्राम दिन में दो बार लेनी है । यदि इसको मिश्री डालकर मीठे किये गये गाय के दूध के साथ लिया जाये तो यह और भी लाभकारी हो जाता है । इस चूर्ण के लाभ शरीर के दुबलेपन, नसों की कमजोरी और सम्बंध बनाने से विरक्ति आदि दशाओं में विशेष दिखाई देते हैं ।
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प्रयोग 2 :-
कौंच के बीज 100 ग्राम, अश्वगंधा 200 ग्राम, विदारी कंद 100 ग्राम और मिश्री 100 ग्राम लेकर इन सबका एक साथ बारीक पीसकर कपड़े में छाना हुआ चूर्ण तैयार कर लें । इस चूर्ण की मात्रा 6-6 ग्राम दिन में दो बार गुनगुने पानी के साथ लेनी चाहिये । जिन लोगों को शुगर की समस्या हो वो मिश्री के बिना ही इस चूर्ण को तैयार करें । यह चूर्ण शारीरिक बल में कमी, जल्दी थकान होना और मानसिक तनाव जैसी समस्याओं में लाभ देता है ।
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प्रयोग 3 :-
कौंच के बीज 200 ग्राम, उड़द की साबुत दाल 200 ग्राम शतावरी 100 ग्राम और तालमखाना 100 ग्राम लेकर सभी को धूप में सुखाकर बारीक चूर्ण बना लें । इस चूर्ण को 5-5 ग्राम की मात्रा में दिन में दो बार शहद के साथ लिया जाना उचित होता है । यह चूर्ण यौन शक्ति को विशेष रूप से बढ़ाता है । जिन लोगों को समय कम हो गया है उनके लिये यह बहुत लाभकारी सिद्ध होता है । यह चूर्ण पेट को थोड़ा भारी पड़ता है अतः जिन लोगों की पाचन शक्ति कमजोर हो उनको यह चूर्ण सेवन करने की सलाह नही दी जाती है । फिर भी अगर कमजोर पाचन शक्ति वाले इस चूर्ण का प्रयोग करना चाहते हैं तो इसके सेवन काल में आयुर्वेदिक औषधि "अश्वगंधा-रिष्ट" का सेवन 10-10 मिलीलीटर का सेवन बराबर मात्रा में पानी मिलाकर दिन में दो बार भोजन के बाद अवश्य करें ।
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किसी भी रोग में घरेलू नुस्खे आपके चिकित्सक की सलाह का विकल्प नही होते हैं । रोग के लक्षण ज्यादा होने पर अपने चिकित्सक से जरूर परामर्श करें ।
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