Friday, 28 July 2017
Tuesday, 25 July 2017
चीकू खाने से मिलने वाले स्वास्थय लाभ
चीकू खाने से मिलने वाले स्वास्थय लाभ
अपने विशिष्ट स्वाद के कारण चीकू बहुत से लोगों को पसंद आता है । स्वाद के अलावा इसमें बहुत सारे स्वास्थय लाभ भी छिपे हुये हैं । चलिये जानते हैं चीकू से मिलने वाले स्वास्थय लाभों के बारे में ।1 :- चीकू में बड़ी मात्रा में विटामिन ए पाया जाता है जिस कारण से यह आँखों की रोशनी बढ़ाने के लिये बहुत उपयोगी सिद्ध होता है ।
2 :- चीकू में ग्लूकोज़ ज्यादा होता है जिस कारण से यह शरीर को तुरन्त ऊर्जा देता है । जिन लोगों काम ज्यादा शारीरिक मेहनत का होता है उनको चीकू का रोज सेवन करना चाहिये ।
3 :- चीकू में पाया जाने वाला टैनिन आँतों की सूजन उतारने के लिये बहुत अच्छा तत्व होता है । इसके अलावा यह दिल और गुर्दों को भी मजबूती देता है ।
सेब खाने मिलने वाले स्वास्थय लाभों की जानकारी के लिये यहॉ क्लिक करें
4 :- चीकू में विटामिन ए और बी अच्छी मात्रा पाया जाता है, और इसमें एंटीऑक्सिडेंट, फाइबर और अन्य पोषक तत्व भी पाए जाते हैं जो जो कैंसर से बचाता है। विटामिन ए फेफड़ों और मुँह के कैंसर से बचाता है ।
5 :- चीकू में कैल्शियम फास्फोरस और आयरन की अतिरिक्त मात्रा पायी जाती है, जो हड्डियों के लिए आवश्यक होती है। कैल्शियम, आयरन और फास्फोरस की अच्छी मात्रा होने की वजह से हड्डियों को बढ़ने और मजबूती देने में चीकू बहुत लाभ दायक होता है ।
6 :- चीकू में फाइबर (5.6/100g) मात्रा में पाया जाता है, इस लिए इसमें अच्छी मात्र में लैक्सटिव(रेचक) पाया जाता है जो कब्ज से राहत दिलाता है और अन्य संक्रमण से लड़ने की शक्ति देता है ।
7 :- पॉलीफेनोलिक एंटीऑक्सीडेंट के होने के कारण चीकू में कई एंटी-वायरल, एंटी-परसिटिक और एंटी-बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। एंटीओक्सिडेंट होने के कारण यह शरीर में बैक्टीरिया को आने से रोकता है, विटामिन सी हानिकारक मुक्त कण को नष्ट करता है, और पोटेशियम, आयरन, फोलेट, और नियासिन पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है ।
8 :- पानी में चीकू को उबलकर बनाये गये काढ़े को पीने से दस्तों में राहत मिलती है । यह काढ़ा बवासीर के रोगियों को भी लाभ करता है ।
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9 :- दिमाग की तंत्रिकाओं का तनाव कम करके यह दिमाग को शांत करने में मदद करता है । जिन लोगों को चिड़चिड़ापन और नींद ना आने की समस्या रहती है उनके लिये यह एक बहुत अच्छा फल सिद्ध होता है ।
10 :- चीकू के फल के बीज को पीस का खाने से गुर्दे की पथरी को द्वारा पेशाब निकाल देता है। यह साथ ही यह गुर्दे के रोगों के से भी बचाता है ।
सेब खाने से मिलने वाले स्वास्थय लाभ
सेब खाने से मिलने वाले स्वास्थय लाभ
सेब में फाइबर खूब पाया जाता है जिस कारण से यह सेहत का बहुत अच्छा साथी होता है । पाचन तंत्र को यह दुरुस्त रखता है । आइये जानते हैं सेब खाने से मिलने वाले सवास्थय लाभों के बारे में ।1 :- सेब में ऑयरन बहुत पाया जाता है जिस कारण से यह शरीर में ऑयरन की पूर्ति करके खून की कमी को दूर करता है । रोज एक सेब खाने वाले के शरीर में खून की कमी नही होती है ।
2 :- सेब में पाया जाने वाला क्वरसिटिन नामक तत्व कोशिकाओं को कैंसर के खतरे से बचाता है ।
3 :- सेब में पाया जाने वाला पेक्टिन शरीर में मधुमेह के स्तर को कम रखने में मदद करता है ।
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4 :- फाइबर का भण्डार होने के कारण सेब पाचन तंत्र से जुड़े विकारों को सही रखता है । सेब को उसके छिलके के साथ खाने से यह कब्ज की समस्या से भी राहत देता है ।
5 :- सेब में घुलनशील फाइबर पाया जाता है । यह फाइबर शरीर में कोलेस्ट्रोल के स्तर को कम रखने में उपयोगी होता है ।
6 :- सेब में फाइबर ज्यादा होने के कारण इसका एक लाभ यह भी मिलता है कि भूख कम लगती है और शरीर पर मोटापा नही चढ़ता है ।
7 :- सेब में मौजूद क्वरसिटिन नामक एण्टीऑक्सीडेण्ट शरीर की रोग प्रतिरोधी शक्ति को सुधारने का काम करता है ।
8 :- सेब लीवर में मौजूद जहरीले तत्वों को साफ करके लीवर को स्वस्थ बनाता है ।
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9 :- सेब को खूब चबा चबा कर खाने से यह दाँतों में जमा गन्दगी को साफ करता है और मसूढ़ों की भी मालिश करता है ।
10 :- शरीर में मौजूद फ्री रैडिकल नामक नुक्सानकारी तत्वों को यह साफ करता है जिससे अल्जाइमर नामक रोग से रक्षा होती है ।
केला खाने से मिलने वाले स्वास्थय लाभ
केला खाने से मिलने वाले स्वास्थय लाभ
केला पूर विश्व में पाया जाने वाला फल है जिसको ऊर्जा का स्रोत माना जाता है और यह बहुत पोषक भी होता है । जानते हैं केला खाने से मिलने वाले स्वास्थय लाभ ।1 :- व्यायाम करने के बाद केला खाने से शरीर को जरूरी ऊर्जा की पूर्ति होती है । केला खाने से मिलने वाली उर्जा शरीर में लम्बे समय तक बनी रहती है ।
2 :- केला खाने से शरीर में तनाव पैदा करने वाला हार्मोन कम होता है । इसलिये जिनको अक्सर तनाव की शिकायत रहती हो उनको रोज सुबह दो केले जरूर खाने चाहिये ।
3 :- केले में मौजूद पोटेशियम दिमाग के लिये बहुत अच्छा होता है इससे पढ़ा और सुना हुआ लम्बे समय तक याद रहता है । विधार्थियों को केले का सेवन नियमित रूप से करना चाहिये ।
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4 :- केला कैल्शियम का बहुत अच्छा स्रोत होता है जो कि हड्डियों को मजबूत बनाता है लेकिन सलाह दी जाती है कि केला खाली पेट नही खाना चाहिये बल्कि कुछ हल्का फुल्का खाने के बाद ही केले का सेवन करना चाहिये ।
5 :- दूध के साथ केला खाने से शरीर को ज्यादा कैलोरी मिलती है जिस कारण से यह उन लोगों को जरूर खाना चाहिये जो बहुत दुबले होते हैं और अपना वजन बढ़ाना चाहते हैं ।
6 :- केले में विटामिन ए होता है जो कि आँखों की रोशनी बढ़ाने में उपयोगी होता है ।
7 :- पेट में अल्सर के कारण होने वाली जलन में यह लाभ करता है । यह अल्सर को भरने का भी काम करता है ।
8 :- शरीर में अतिसार के कारण पानी की कमी हो जाने पर भी इसका प्रयोग करने की सलाह दी जाती है । इसमें मौजूद पोटेशियम शरीर में पानी की कमी पूरी करने में मदद करता है ।
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9 :- शरीर के किसी हिस्से के हल्का जल जाने पर पके केले को कुचलकर लगाने से जलन में तुरन्त आराम मिल जाता है ।
10 :- इलायची वाले दूध के साथ रोज एक बार दो केले खाने से शरीर में खून की कमी पूरी होती है ।
Wednesday, 26 April 2017
ये लक्षण बताते हैं कि आँते कमजोर हैं, कही आपके साथ भी तो कमजोर आँतों की समस्या नही है ?
ये लक्षण बताते हैं कि आँते कमजोर हैं, कही आपके साथ भी तो कमजोर आँतों की समस्या नही है ?
एक स्वस्थ पेट एक स्वस्थ शरीर और मन को बनाए रखने का रहस्य है!
आपके समग्र स्वास्थ्य के लिए एक व्यवस्थित कार्यशील पाचन तंत्र आवश्यक है गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट में बहुत से बैक्टीरिया पाये जाते है, जो कई महत्वपूर्ण कार्यों को करने में सहायता करते है।
ये अच्छे बैक्टीरिया शरीर की प्रतिरक्षा शक्ति को बढ़ाने में मदद करते हैं, अच्छा महसूस करवाने वाले सेरेरोटोनिन का मस्तिष्क में उत्पादन करते हैं, भोजन को ऊर्जा में परिवर्तित करते हैं, और शरीर से हानिकारक पदार्थों और विषाक्त पदार्थों को नष्ट करते हैं ।
किंतु यदि जठरांत्र संबंधी मार्ग में अच्छे जीवाणुओं की तुलना में खराब जीवाणु अधिक हो जाते है, तो समस्यायें पैदा होने लगती हैं । आंत में बैक्टीरिया के असंतुलन से संभावित रूप से अन्य अंगों और शारीरिक प्रणालियों के सुचारू रूप से काम करने पर भी प्रभाव पड़ता है ।
वास्तव में, आँत में बैक्टिरिया के असंतुलन से हार्मोनल असंतुलन, ऑटोइम्यून बीमारिया, मधुमेह, लगातार बनी रहने वाली थकान, फाइब्रोमायलजिआ, चिंता, अवसाद, एक्जिमा, और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं भी पैदा हो जाती है ।
अधिकांश लोगों को यह भी पता नहीं चलता है कि उनके पेट में जीवाणुओं का असन्तुलन हो रहा है अतः समस्या का उपचार भी नही हो पाता है। अस्वास्थ्य आंत के संकेतों को जानने से आपको इस समस्या को पहचानने और उसका समाधान करने में सहायता मिलेगी ।
1. पाचन समस्या
अफारा, गैस, दस्त या अनियमित शौच पेट में बैक्टीरिया के असंतुलन का एक स्पष्ट संकेत हैं
आपके पेट के बैक्टीरिया भोजन को पचाने और तोड़ने के लिए काम करते हैं, यह सामान्य है कि इस प्रक्रिया में गैसों पैदा हो । लेकिन गंभीर गैस, सूजन या फटना असंतुलित पाचन तंत्र के कारण हो सकती है।
खराब खाद्य पदार्थों की वजह से अत्यधिक गैस गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट में एकत्रित हो सकती हैं, जो बड़े आंत में बैक्टीरिया की वजह से उत्पन्न होती हैं जहां गैस का उत्पादन होता है।
कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन खाने के बाद पाचन असुविधाएं विशेष रूप से गंभीर हो सकती हैं
एसिड रिफ्लक्स, सूजन, संग्रहणी रोग और बड़ी आँत की सूजन, ये सभी रोग पेट में बैक्टिरिया के असंतुलन से जुड़े हुए होते हैं।
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2. विटामिन और खनिज की कमी
पाचन तंत्र की प्राथमिक भूमिका यह है कि आपके द्वारा खाये जाने वाले भोजन को तोड़कर शरीर की सभी कोशिकाओं में पोषक तत्वों की आपूर्ति करें। इन पोषक तत्वों का शरीर के विकास, मरम्मत और ऊर्जा के लिए कोशिकाओं द्वारा उपयोग किया जाता है
जब पेट में बैक्टीरिया के असंतुलन के कारण पाचन प्रक्रिया सुचारू नही होती है, तो पोषक तत्वों का शरीर द्वारा अवशोषण कम होता है। समय के साथ, यह पोषण संबंधी बीमारियों को पैदा कर सकता है
एक अस्वास्थ्य आंत के कारण आने वाली कमियों में विटामिन डी, के, बी 12 और बी 7 के साथ-साथ मैग्नीशियम के अपर्याप्त स्तर शामिल हैं।
आपका चिकित्सक यह निर्धारित करने में मदद कर सकता है कि क्या आप के शरीर में किसी भी पोषक तत्व की कमी है और क्या यह एक अस्वास्थ्य आंत या कुछ अन्य सम्बंधित कारण से हो सकता है।
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3. शारीरिक ऊर्जा में कमी
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यदि आपको पूरे दिन नींद आती रहती है और ऐसा इसके बावजूद होता है कि आपने रात में पर्याप्त नींद ली है और भोजन भी समुचित पोषक किया है तो यह एक अस्वस्थ पेट का संकेत हो सकता है
चयापचय एक जटिल प्रक्रिया है जिसके लिए ईंधन के लिए भोजन के रासायनिक रूप से टूटने की आवश्यकता होती है, जो आंतों में जीवाणुओं द्वारा किया जाता है। आंत के जीवाणुओं का असंतुलन आपके शरीर को पोषक तत्वों को अवशोषित करने से रोक सकता है, जिससे आपको हर समय थकान महसूस हो रही है।
इसके अलावा, ऐसा होने से टॉक्सिन पदार्थ आँतों से होते हुये पूरे शरीर में पहुँच जाते हैं जिसके कारण ऊर्जा का स्तर प्रभावित हो सकता है।
इसके अलावा, अस्वास्थ्य आंत के कारण सूजन बढाने वाले कुछ यौगिकों में वृद्धि हो सकती है जिन्हें साइटोकिन्स कहा जाता है, इनका सीधा सीधा सम्बंध थकान के साथ जुड़ा होता हैं।
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4. ऑटोइम्यून (प्रतिरक्षा तंत्र सम्बन्धि) रोगों से संबंधित सूजन
ऑटोम्यूमिन रोगों जैसे रयूमेटोइड आर्थाराइटिस, क्रोहन रोग और ल्यूपस आदि का सम्बंध भी आँतों से जुड़ा हुआ है। आंत में मौजूद अच्छे और खराब बैक्टीरिया में असंतुलन, शरीर की प्रतिरक्षी प्रतिक्रिया को उत्तेजित कर सकता है जो स्वप्रतिरक्षी बीमारियों वाले लोगों में सूजन पैदा कर सकता है।
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5. त्वचा की समस्याएं
मुँहासे, एक्जिमा और परतदार त्वचा (सोराइसिस) जैसे त्वचा के रोग पेट के खराब स्वास्थ्य से संबंधित हो सकते हैं। वास्तव में, विशेषज्ञों ने आंत-मस्तिष्क-त्वचा के आपसी सम्बन्ध को पहचान लिया है जो यह बताता है कि कैसे पेट का स्वास्थ्य पूरे शरीर के अंगों में सूजन को प्रभावित करती है, जिसमें त्वचा भी शामिल है।
सूजन त्वचा के कई रोगों में देखने को आती है, विशेषकर मुँहासे और सोराइसिस के रोगों में ।
यदि आप अचानक मुँहासे, चर्मरोग,सोराइसिस, एक्जिमा आदि रोगों से ग्रसित हो गये हैं तो यह आँत में बैक्टिरिया के असन्तुलन का एक स्पष्ट संकेत हो सकता है ।
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यदि आप इन में किसी एक या अधिक लक्षणों को अपने अन्दर महसूस कर रअहे हैं तो यह आपकी आँतों की सेहत के दुरुस्त ना होने का लक्षण हो सकता है । इस दशा में आपको अपने चिकित्सक से जरूर परामर्श करना चाहिये ।
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3 औषधियों का ये मिश्रण इन 18 असाध्य रोगों का काल है, बुढ़ापे में भी जवानी रहेगी, जरूर पढ़े और शेयर करे
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बहुत ही चमत्कारी दवा बनाने के लिए आवश्यक सामग्री :
250 ग्राम मैथीदाना
100 ग्राम अजवाईन
50 ग्राम काली जीरी (ज्यादा जानकारी के लिए नीचे देखे)
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औषिधि तैयार करने का तरीका :
उपरोक्त तीनो चीजों को साफ-सुथरा करके हल्का-हल्का सेंकना(ज्यादा सेंकना नहीं) तीनों को अच्छी तरह मिक्स करके मिक्सर में पावडर बनाकर कांच की शीशी या बरनी में भर लेवें।
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सेवन करने का तरीका :
रात्रि को सोते समय एक चम्मच पावडर एक गिलास पूरा कुन-कुना पानी के साथ लेना है। गरम पानी के साथ ही लेना अत्यंत आवश्यक है लेने के बाद कुछ भी खाना पीना नहीं है। यह चूर्ण सभी उम्र के व्यक्ति ले सकतें है।
चूर्ण रोज-रोज लेने से शरीर के कोने-कोने में जमा पडी गंदगी (कचरा) मल और पेशाब द्वारा बाहर निकल जाएगी । पूरा फायदा तो 80-90 दिन में महसूस करेगें, जब फालतू चरबी गल जाएगी, नया शुद्ध खून का संचार होगा । चमड़ी की झुर्रियाॅ अपने आप दूर हो जाएगी। शरीर तेजस्वी, स्फूर्तिवाला व सुंदर बन जायेगा ।
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इन असाध्य 18 रोगों में फायदेमंद है :
1गठिया दूर होगा और गठिया जैसा जिद्दी रोग दूर हो जायेगा।
2हड्डियाँ मजबूत होगी।
3आँखों रौशनी बढ़ेगी।
4बालों का विकास होगा।
5पुरानी कब्जियत से हमेशा के लिए मुक्ति।
6शरीर में खुन दौड़ने लगेगा।
7कफ से मुक्ति।
8हृदय की कार्य क्षमता बढ़ेगी।
9थकान नहीं रहेगी, घोड़े की तहर दौड़ते जाएगें।
10स्मरण शक्ति बढ़ेगी।
11स्त्री का शारीर शादी के बाद बेडोल की जगह सुंदर बनेगा।
12कान का बहरापन दूर होगा।
13भूतकाल में जो एलाॅपेथी दवा का साईड इफेक्ट से मुक्त होगें।
14खून में सफाई और शुद्धता बढ़ेगी।
15शरीर की सभी खून की नलिकाएॅ शुद्ध हो जाएगी।
16दांत मजबूत बनेगा, इनेमल जींवत रहेगा।
17नपुसंकता दूर होगी।
18डायबिटिज काबू में रहेगी, डायबिटीज की जो दवा लेते है वह चालू रखना है। इस चूर्ण का असर दो माह लेने के बाद से दिखने लगेगा । जिंदगी निरोग,आनंददायक, चिंता रहित स्फूर्ति दायक और आयुष्ययवर्धक बनेगी । जीवन जीने योग्य बनेगा।
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ध्यान दे :
कुछ लोग कलौंजी को काली जीरी समझ रहे है जो कि गल्त है काली जीरी अलग होती है जो आपको पंसारी या आयुर्वेद की दुकान से मिल जाएगी जिसके नाम इस तरह से है।
हिन्दी कालीजीरी, करजीरा।
संस्कृत अरण्यजीरक, कटुजीरक, बृहस्पाती।
मराठी कडूकारेलें, कडूजीरें।
गुजराती कडबुंजीरू, कालीजीरी।
बंगाली बनजीरा।
अंग्रेजी पर्पल फ्लीबेन।
बासी रोटी मत फेकिये क्योंकि इसके फायदे जानकर आप हैरान रह जाएंगे
बासी रोटी मत फेकिये क्योंकि इसके फायदे जानकर आप हैरान रह जाएंगे
बासी रोटी मत फेकिये क्योंकि इसके फायदे जानकर आप हैरान रह जाएंगे
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अक्सर हम सभी के घरों में हर रोज 2-4 रोटी जरूर बच जाती है और उसे हम कूड़े में डाल देते हैं। पिछले जमाने में बासी रोटी को जानवरों के लिए रखा जाता था लेकिन अब शहरों में जानवर नहीं मिलते ऐसे में बहुत सारा अनाज हर रोज बर्बाद किया जाता है। ऐसे में आज हम आपको जो बताने जा रहे है उसे सुनकर शायद आप चौंक जाएंगे।
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जी हां हम आपको बता दें कि जो बासी रोटी हम फेंक देते है उसे खाने से बहुत ही ज्यादा फायदा होता है ये खासकर उनके लिए है जो दिन भर भागदौड़ का काम करते है और उनको हाई बीपी का प्रॉब्लम है। ऐसे लोग अगर हर रोज सुबह गेहूं के 2 बासी रोटी को दूध में मिला कर खाएं तो उनका ब्लूड प्रेशर कंट्रोल हो जाता है और अगर आपको बीपी नहीं भी है तो कभी होने नहीं देता इसलिए आप हर रोज बसी रोटी जरूर खाएं और स्वस्थ्य रहें।
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अगर आप सुबह कुछ न कुछ खा लेते हैं और फिर बाजार निकलते हैं तो गैस बनने लगता है अगर आप यही घर से निकलने से पहले सुबह सुबह अगर बासी रोटी दुध के साथ खा लेते हैं तो आपको गैस की प्रॉब्लम नहीं होती है। इस एसिडिटी से ही आपको तनाव और शुगर जैसी बिमारी का सामना करना पड़ता है। इसलिए जो लोग बासी रोटी साथ दूध का सेवन करके बाहर निकलते हैं उनका शुगर कंट्रोल में रहता है।
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इतना ही नहीं जिन्हें पेट से संबंधित कोई समस्या है वो लोग अगर दूध के साथ बासी रोटी खाएं तो पेट की हर समस्या ठीक हो जाती है।
जिन्हें हाई ब्लड प्रैशर की समस्या है वो अगर रोज सुबह ठंडे दूध के साथ 2 बासी रोटी खाए तो शरीर का रक्त चाप संतुलित रहता है। इसके अलावा ज्यादा गर्मी के मौसम में भी इसका सेवन करने से शरीर का तापमान सही रहता है।
Saturday, 22 April 2017
रात के 11 बजे से 3 बजे तक करोगे रोमांस, एक बार इस पान को खाकर तो देखिये, पुरुषों के सपने अब होंगे पूरे
रात के 11 बजे से 3 बजे तक करोगे रोमांस, एक बार इस पान को खाकर तो देखिये, पुरुषों के सपने अब होंगे पूरे
मित्रों हर मर्द का एक ही सपना होता है, कि वो बहुत लम्बे समय तक मैथुन करने में सक्षम हो जाये और इसके लिये वो कुछ भी करने को तैयार रहता है । यहॉ आप्को कुछ भी नही करना है, बस पान खाना है, पान भी कोई ऐसा वैसा नही, स्पेशल पलंग तोड़ पान । इसको बनाने का तरीका हम आपको बता रहे हैं कि कैसे यह पलंग तोड़ पान बनाया जाये और अपनी जिंदगी को जोश से भरा जाये ।
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जरूरी सामान :-
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देशी पान का ताजा पत्ता
जायफल चूर्ण आधा ग्राम
लौंग चूर्ण आधा ग्राम
रस सिंदूर 125 मिलीग्राम
चंद्रोदय रस 250 मिलीग्राम
मनमथ रस 250 मिलीग्राम
गुलकंद 10 ग्राम
छोटी इलायची 2 नग
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रस सिंदूर, चंद्रोदय रस और मनमथ रस आपको अपने आसपास आयुर्वेदिक दवाओं की दुकान से मिल जायेंगे और बाकि समान आस पास बाजार से आसानी से मिल जायेंगे । आपको बस इतना करना है कि पान के ताजे देशी पत्ते पर गुल्कंद के साथ ऊपर लिखी गयी चीजे रखकर पान लगाना है और दिन में दो बार पान खाना है । शरीर कि रग रग में इतने जोश और बल सँचार होगा कि आपको खुद पर गर्व होगा । जरूर ट्राई करना बहुत ही उत्तम प्रयोग है ।
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हमारी समझ में यह प्रयोग पूरी तरह से हानिरहित है फिर भी हम सलाह देते हैं कि आपके आयुर्वेदिक चिकित्सक की परामर्श से ही इस पान का आप सेवन करें ।
चावल का आटा आँखों के काले घेरे को छूमंतर कर देगा साथ मे सुंदरता पे चार चांद भी लगा देगा
चावल का आटा आँखों के काले घेरे को छूमंतर कर देगा साथ मे सुंदरता पे चार चांद भी लगा देगा
चावल का आटा आँखों के काले घेरे को छूमंतर कर देगा साथ मे सुंदरता पे चार चांद भी लगा देगा
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आज के समय में जहां हर कोई सुंदर दिखना चाहता है वहीं हमारी सुन्दरता को जब किसी बीमारी की नजर लग जाती है तो हमारी स्किन को कई परेशानियाँ हो जाती है। लेकिन अगर हम चाहे तो इसे घर में मौजूद सामान के द्वारा अपनी स्किन की परेशानियों को आसानी से दूर कर सकते हैं और साथ ही ब्यूटी के भी कई फायदे मिलते हैं। इन उपायों के द्वारा हमें सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि इसका इस्तेमाल करने से हमें किसी प्रकार का साइडइफ़ेक्ट नहीं होता और यह कम पैसों में अधिक असरदार देते हैं। घर में मौजूद सामान में से एक है चावल का आटा। चावल के आटे से हमारा सौंदर्य निखरता है और हमारे चेहरे से कील मुंहासे साफ हो जाते हैं। इससे हमें और भी फायदे मिलते हैं जिनके बारे में आज हम आपको बताएगें…
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सुंदरता बढ़ाने के उपाय:
कील मुंहासे:
एक कटोरी में दो चम्मच चावल का आटा, एक चम्मच शहद, एक चम्मच एलोवेरा जेल मिलकर एक पेस्ट तैयार कर लें। फिर इसे अपने चेहरे पर पन्द्रह से बीस मिनट तक लगा रहने दें। बाद में साफ़ पानी से अपना चेहरा साफ़ कर लें। कुछ दिनों में आपकी कील मुंहासों की प्रोब्लम दूर हो जाएगी।
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टैनिंग की शिकायत दूर करें:
चावल के आटा टैनिंग को दूर करने में मदद करता है। इसके लिए एक चम्मच चावल का आटा, नींबू का रस और खीरे का रस मिलाकर एक पेस्ट तैयार करें। फिर उसे अपने चेहरे पर अच्छे से लगा लें। सुख जाने पर अपना चेहरा थोड़े गुनगुने पानी के साथ धो लें।
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डार्क सर्कल्स को दूर करे:
यदि आप डार्क सर्कल्स से परेशान हैं, तो एक कटोरी में थोड़ा सा चावल का आटा लें। इसमें पका हुआ एक केला और कैस्टर ऑयल की कुछ बूंदे मिलाकर डार्क सर्कल्स वाली जगह परे लगाएं। कुछ दिनों तक आपका चेहरा साफ़ हो जाएगा।
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एंटी एजिंग फेस मास्क:
चावल के आटे के द्वारा चेहरे की झुरियां और चेहरे की बारीक़ बारीक रेखाओं से छुटकारा मिल जाता है। लेकिन इसके लिए हमें सबसे पहले एक कटोरी में दो बड़े चम्मच चावल का आटा, अंडे का सफेद हिस्सा और ग्लिसरीन की चार से पांच बुँदे मिलाकर चेहरे पर लगाएं। इस मिश्रण के सुख जाने पर उंगुलियों की मदद से इसे हटायें और चेहरा पानी के साथ साफ कर लें। इससे आपके चेहरे में चमक आ जाएगी और आपका चेहरा एकदम साफ हो जाएगा। यह आपके चेहरे पर मास्क की तरह काम करता है।
रुखी त्वचा से राहत: यदि आप अपनी रुखी त्वचा से परेशान हैं और इससे छुटकारा पाना चाहते हैं तो ऐसे में चावल के आटे में स्ट्राबेरीज मिलाकर अपने चेहरे पर लगा लें। फिर कुछ समय के बाद अपना चेहरा ठंडे पानी के साथ धो लें।
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आँखों के नीचे काले घेरे दूर करे:
पढ़ने से कंप्यूटर के आगे अधिक समय काम करने से या कमजोरी के कारण हमारी आँखों के नीचे काले घेरों के निशान हो जाते हैं और इससे चेहरा बेकार सा लगता है। इसको दूर करने के लिए दो चम्मच चावल का आटे में पका हुआ केला या एक चम्मच मलाई को अच्छे से मिक्स कर लें। इस मिश्रण में बादाम का एक चम्मच भी मिला सकते हैं। इसे नियमित रूप से अपनी आँखों के नीचे काले घेरे पर लगाने से काले घेरे दूर हो जायेगें।
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इस पोस्ट के माध्यम से दी गयी जानकारी हमारी समझ में पूरी तरह से हानिरहित हैं, फिर भी आपके आयुर्वेदिक चिकित्सक के परामर्श से ही इन प्रयोगों को करने की हम आपको सलाह देते हैं ।
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इस पोस्ट के माध्यम से दी गयी यह जानकारी आपको अच्छी और लाभकारी लगी हो तो कृपया लाईक और शेयर जरूर करें । आपके एक शेयर से किसी जरूरतमंद तक सही जानकारी पहुँच सकती है और हमें भी आपके लिये और बेहतर लेख लिखने की प्रेरणा मिलती है ।
Thursday, 20 April 2017
कच्चे केले को खाने से मोटापा, चर्बी, कब्ज मधुमेह और पाचन तंत्र के रोग आपको सारी जिन्दगी परेशान नही कर पायेंगे
कच्चे केले को खाने से मोटापा, चर्बी, कब्ज मधुमेह और पाचन तंत्र के रोग आपको सारी जिन्दगी परेशान नही कर पायेंगे
कच्चे केले को खाने से मोटापा, चर्बी, कब्ज मधुमेह और पाचन तंत्र के रोग आपको सारी जिन्दगी परेशान नही कर पायेंगे
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यूँ तो कच्चे केले में बहुत से पोषक तत्व पाये जाते हैं उनमें से पोटेशियम बहुत प्रमुख है । पोटेशियम शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाने में बहुत लाभकारी होता है । जिस कारण से यह मेटाबॉलिज्म से सम्बंधित रोगों के होने से बचने का एक अच्छा उपाय बन सकता है । साथ ही कच्चे केले में लाभकारी स्टॉर्च और और विटामिन बी-6 और विटामिन सी होता है जो शरीर को पोषण देने के साथ साथ दिन भर आपको एक्टिव भी बनाये रखता है । इस पोस्ट के माध्यम सए हम आपको बता रहे हैं कच्चे केले से मिलने वाले कुछ अत्यन्त गुणकारी लाभों के बारे में ।
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1 :- मोटापा और चर्बी घटाने के लिये :-
जो लोग अपना वजन घटाना चाह रहे हैं उनको रोज एक या दो कच्चे केले खाने की सलाह डाईटीशियन देते हैं । कच्चे केले में भरपूर मात्रा में रेशा ( फाईबर ) पाया जाता है जो शरीर में से गैरजरूरी फैट और अन्य गन्दगियों को साफ करने में मदद करता है । जिससे शरीर में से वजन घटता है और आप अपने आप को स्फुर्तीवान महसूस करते हो ।
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2 :- कब्ज की समस्या में लाभकारी है कच्चा केला :-
कच्चे केले में मौजूद स्टार्च और फाईबर ऑतों को साफ रखते हैं और कब्ज पैदा करने वाली गन्दगी को इक्ट्ठा होने ही नही देते हैं जिस कारण से मल ऑतों में रुक ही नही पाता है और कब्ज की समस्या नही बन पाती है ।
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3 :- भूख नियन्त्रण के लिये खायें कच्चा केला :-
कच्चा केला खाने से सबसे बड़ा लाभ यह है कि हम बार बार खाने से बच जाते हैं जिससे अनावशय्क कैलोरी शरीर में जाने से बच जाती है । केला फाईबर और पोषण से भरपूर होता है और देर से हजम होता है जिस कारण केला खाने से काफी देर तक भूख नही लगती है ।
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4 :- शुगर कण्ट्रोल करने में मददगार है कच्चा केला :-
कच्चा केले के ऊपर की गयी कुछ रिसर्च में यह तथ्य सामने आया है कि यदि मधुमेह रोग की प्रारम्भिक अवस्था में ही कच्चे केले का सेवन करना शुरू कर दिया जाये तो जल्दी ही बिना दवाओं के शुगर को कण्ट्रोल किया जा सकता है । तो यदि आपकी जानकारी में भी किसी रोगी को नयी नयी शुगर हुयी है तो उनको रोज कच्चा केला खाने की सलाह जरूर दें ।
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5 :- पाचन तंत्र को दुरुस्त रखता है कच्चा केला :-
कच्चा केला खाना, पाचन तंत्र के विकारों को कण्ट्रोल रखने के लिये सर्वोत्तम उपायों में से एक है । कच्चा केला खाने से आमाशय के अन्दर पाचक रसों का स्राव समुचित रूप से होता है जिस कारण पूरी आहार नलिका के कार्य सुगम रूप से होते रहते हैं ।
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कच्चा केला सेवन करने का सर्वोत्तम तरीका उसको उबालकर अथवा सब्जी बनाकर खाना होता है । कच्चे केले को कभी भी पके केले की तरह छिलका उतारकर सीधा ही नही खा लेना चाहिये ।
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इस पोस्ट के माध्यम से दी गयी जानकारी हमारी समझ में पूरी तरह से हानिरहित हैं, फिर भी आपके आयुर्वेदिक चिकित्सक के परामर्श से ही इन प्रयोगों को करने की हम आपको सलाह देते हैं ।
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इस पोस्ट के माध्यम से दी गयी यह जानकारी आपको अच्छी और लाभकारी लगी हो तो कृपया लाईक और शेयर जरूर करें । आपके एक शेयर से किसी जरूरतमंद तक सही जानकारी पहुँच सकती है और हमें भी आपके लिये और बेहतर लेख लिखने की प्रेरणा मिलती है ।
Wednesday, 19 April 2017
घर में इस जगह लटका दे फिटकरी का एक टुकड़ा इतना बरसेगा पैसा संभाल नही पाओगे
घर में इस जगह लटका दे फिटकरी का एक टुकड़ा इतना बरसेगा पैसा संभाल नही पाओगे
घर में इस जगह लटका दे फिटकरी का एक टुकड़ा इतना बरसेगा पैसा संभाल नही पाओगे
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अक्सर हम फिटकरी का प्रयोग बहुत ही पहले से करते आ रहे हैं इसका प्रयोग आम तौर पर जले कटे घाव पर किये जाते हैं। फिटकरी की ऐसी ताकत होती है तो वो किसी भी परेशानी को दूर कर सकता है।
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फिटकरी के उपाय को करने से आपके दुकान ऑफिस या व्यापार में तरक्की क्या योग बनेंगे यदि आपको लगता है कि लाभ प्रयास के बावजूद भी आप का व्यापर आगे नहीं बढ़ रहा कोई ना कोई रुकावट आ रही है या फिर कही पैसा फंसा हुआ है।
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50 ग्राम फिटकरी का टुकड़ा घर के प्रत्येक कमरे में तथा कार्यालय के किसी कोने में अवश्य रखना चाहिए। इससे वास्तुदोषों से रक्षा होती है।
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यदि आपके घर में या कारोबार में बरकत नहीं हो रही तो फिटकरी का टुकड़ा दुकान या घर के मुख्य द्वार पर काले कपड़े में बाँधकर लटकाने से बरकत आती है। नजर दोष व नकारात्मकता दूर होती है।
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यदि कर्ज से परेशान है तो थोड़ी मात्रा में फिटकरी को ले और इसे पान के टुकड़े में सिंदूर के साथ बांध दे, बांधने के लिए आप कलेवे का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। अब आप शाम के समय इसे पीपल के पेड़ के नीचे पत्थर या मिटी के नीचे दबा दें।
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Tuesday, 18 April 2017
मोटापा, पेट की तोंद की चर्बी निवारण के कुदरती पदार्थों के घरेलु उपचार
मोटापा, पेट की तोंद की चर्बी निवारण के कुदरती पदार्थों के घरेलु उपचार
मोटापा, पेट की तोंद की चर्बी निवारण के कुदरती पदार्थों के घरेलु उपचार
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1 चर्बी घटाने के लिये व्यायाम बेहद आवश्यक उपाय है।एरोबिक कसरतें लाभप्रदहोती हैं। आलसी जीवन शैली सेमोटापा बढता है। अत:सक्रियता बहुत जरूरी है।
2 शहद मोटापा निवारण केलिये अति महत्वपूर्ण पदार्थ है।एक चम्मच शहद आधा चम्मच नींबूका रस गरम जल में मिलाकर लेतेरहने से शरीर की अतिरिक्तचर्बी नष्ट होती है। यह दिन में३ बार लेना कर्तव्य है।
3 पत्ता गोभी(बंद गोभी) में चर्बी घटाने के गुण होते हैं।:ज्यादा केलोरी का दहन होता है। इस प्रक्रिया मेंचर्बी समाप्त होकर मोटापा निवारण में मदद मिलती है।
4 पुदीना मेंमोटापा विरोधी तत्व पायेजाते हैं। पुदीना रस एक चम्मच २चम्मच शहद में मिलाकर लेते रहनेसे उपकार होता है।
5 सुबह उठते ही २५० ग्रामटमाटर का रस २-३ महीने तकपीने से शरीर की वसा मेंकमी होती है।
6 गाजर का रस मोटापा कमकरने में उपयोगी है। करीब ३००ग्राम गाजर का रस दिन मेंकिसी भी समय लेवें।
7 एक अध्ययन का निष्कर्ष आया है कि वाटर थिरेपी मोटापा की समस्या हल करने में कारगर सिद्ध हुई है। सुबह उठने के बाद प्रत्येक घंटे के फ़ासलेपर २ गिलास पानी पीते रहें।इस प्रकार दिन भर में कम से कम२० गिलास पानी पीयें। इससेविजातीय पदार्थ शरीर सेबाहर निकलेंगे और चयापचय प्रक्रिया(मेटाबोलिस्म) तेज होकर ज्यादा केलोरी का दहनहोगा ,और शरीर की चर्बी कमहोगी। अगर २ गिलास के बजाये३ गिलास पानी प्रति घंटेपीयें तो और भी तेजी सेमोटापा निवारण होगा।
8 कम केलोरी वाले खाद्यपदार्थों का उपयोग करें।जहां तक आप कम केलोरी वालेभोजन की आदतनहीं डालेंगे ,मोटापा निवारणदुष्कर कार्य रहेगा। अब मैं ऐसेभोजन पदार्थ निर्देशितकरता हूं जिनमें नगण्य केलोरी होती है।
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अपने भोजनमें ये पदार्थ ज्यादा शामिलकरें -
नींबू, जामफ़ल (अमरुद), अंगूर, सेवफ़ल, खरबूजा, जामुन, पपीता, आम, संतरा, पाइनेपल, टमाट,र तरबूज, बैर स्ट्राबेरी, सब्जीयां जिनमें नहीं के बराबर केलोरी होती है-पत्ता गोभी, फ़ूल गोभी, ब्रोकोली, प्याज, मूली, पालक, शलजम, सौंफ़, लहसुन, अदरक चाकू से बरीक काट लें, एक नींबू की चीरें काटकर दोनो पानी में ऊबालें। सुहाता गरम पीयें।बढिया उपाय है।
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इस पोस्ट के माध्यम से दी गयी जानकारी हमारी समझ में पूरी तरह से हानिरहित हैं, फिर भी आपके आयुर्वेदिक चिकित्सक के परामर्श से ही इन प्रयोगों को करने की हम आपको सलाह देते हैं ।
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हृदय घात के बाद पीपल का ये प्रयोग – दोबारा नहीं होने देगा हार्ट अटैक
हृदय घात के बाद पीपल का ये प्रयोग – दोबारा नहीं होने देगा हार्ट अटैक
हृदय घात के बाद पीपल का ये प्रयोग – दोबारा नहीं होने देगा हार्ट अटैक
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आज कल की भाग दौड़ भरी ज़िन्दगी में हम अपना स्वस्थ्य बहुत पीछे छोड़ आये हैं और अक्सर नयी नयी बिमारियो से घिरे होने से आशंकित रहते हैं कि कहीं हम इस प्राण घातक रोग से ग्रस्त न हो जाए। अगर आप हृदय घात से आशंकित हैं तो ये लेख और ये प्रयोग आपके लिए ही हैं
पीपल को वेदो में अमृतमय माना गया हैं। दुनिया का सब से ताकतवर जीव हाथी हैं जिसका ये बहुत ही पसंदीदा भोजन हैं और हिन्दू धर्म में भी ऐसी कई प्रथाए बनायीं गयी हैं जिस से हम पीपल के समक्ष ज़्यादातर जाए, ऐसा करना कोई अंध श्रद्धा नहीं थी बल्कि उस समय के ज्ञानी पुरुषो ने ऐसा विधान बनाया था क्युकी पीपल के नीचे बैठने से ही कई श्वांस सम्बंधित रोगो से मुक्ति मिल जाती हैं।
भगवान श्री कृष्ण ने पीपल के वृक्ष की महिमा का बखान करते हुए विश्व प्रसिद्ध ग्रंथ गीता में कहा है-‘सब पेड़ों में उत्तम और दिव्य गुणों से सम्पन्न पीपल मैं स्वयं हूँ
प्रकृति ने बहुत सारी चीजो को हमारे शरीर के कुछ अंगो के आकार का बनाया हैं तांकि इसको देख कर हमे ये आभास हो के क्या इसका हमारे शरीर से कोई कनेक्शन हैं। इन्ही में से एक हैं पीपल। आप इसके पत्तो को गौर से देखिये। ये हमारे दिल के आकार के बने हैं। इनमे छिपा हुआ हैं हमारे स्वस्थ हृदय का राज़। पीपल की कोमल पत्तियों में हृदय को ताक़त और शान्ति देने की अद्भुत क्षमता हैं।
प्रयोग कैसे करे:
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पीपल के पंद्रह ताज़ा पत्ते ले, पत्ते ज़्यादा गुलाबी कोपले कोमल न हो, बल्कि हरे और भली प्रकार विकसित हो। इन पत्तो का ऊपर का और नीचे का कुछ भाग काट कर अलग कर दे।
पत्ते का बाकी का हिस्सा धुलाई कर ले और साफ़ कर ले। इनको 1 गिलास पानी में (लगभग 250 मिली) डालकर धीमी आंच में पकने दे, जब पानी पक कर एक तिहाई रह जाए (लगभग 80 मिली), तो इसको साफ़ मलमल के कपडे से छान कर किसी शीतल स्थान पर ढक कर रख दे, बस दवा तैयार हैं
इसको तीन हिस्सों में बाँट ले और प्रतिदिन तीन तीन घंटे के अंतराल में ले। और ये खुराक लेने से पहले थोड़ा हल्का भोजन जैसे दलिया वगैरह या आटे से बने 2-3 बिस्कुट ज़रूर ले मतलब ये खाली पेट नहीं लेनी
जिनको हृदय घात हो चुका हैं वह जब कुछ दिनों में थोड़े सामान्य हो जाए तब ये प्रयोग लगातार 15 दिन तक करे इस से उनका हृदय पुनः स्वस्थ हो जायेगा और दिल का दौरा पड़ने की सम्भावना नहीं रहेगी ।
दिल का दौरा पड जाने से परेशान व्यक्ति इस प्रयोग को ज़िंदगी में कम से कम एक बार ज़रूर करे, इस नुस्खे से उनका हृदय रोग निर्मूल हो सकता हैं।
परहेज :-
इस प्रयोग काल में कुछ परहेज बहुत ज़रूरी हैं, ताली हुयी चीजे, चावल, मांस मछली, अंडे, शराब, धूम्रपान,नमक, चिकनाई का प्रयोग बिलकुल बंद कर दे
खाए :-
अनार, पपीता, आंवला, बथुआ, लहसुन, मेथी दाना, मौसमी, सेब का मुरब्बा, रात में काले चने भिगो कर सुबह खाली पेट खाए, किशिमिश, दही छाछ।
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इस पोस्ट के माध्यम से दी गयी जानकारी हमारी समझ में पूरी तरह से हानिरहित हैं, फिर भी आपके आयुर्वेदिक चिकित्सक के परामर्श से ही इन प्रयोगों को करने की हम आपको सलाह देते हैं ।
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इस पोस्ट के माध्यम से दी गयी यह जानकारी आपको अच्छी और लाभकारी लगी हो तो कृपया लाईक और शेयर जरूर करें । आपके एक शेयर से किसी जरूरतमंद तक सही जानकारी पहुँच सकती है और हमें भी आपके लिये और बेहतर लेख लिखने की प्रेरणा मिलती है ।
डॉक्टरों की भी बोलती बंद हो गयी इस उपाय को देखकर – इसे बालों पर लगाने से आपके बाल कभी सफेद नहीं होंगे
डॉक्टरों की भी बोलती बंद हो गयी इस उपाय को देखकर – इसे बालों पर लगाने से आपके बाल कभी सफेद नहीं होंगे
डॉक्टरों की भी बोलती बंद हो गयी इस उपाय को देखकर – इसे बालों पर लगाने से आपके बाल कभी सफेद नहीं होंगे
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सफेद होते बालों की समस्या से हर तीसरा चौथा आदमी परेशान है । कितना अच्छा हो अगर कोई उपाय ऐसा मिले जिसके प्रयोग से बालों के सफेद या ग्रे होने की रफ्तार पर थोड़ा अंकुश लगाया जा सके । हम आपको बता रहे हैं एक ऐसा ही सरल पेस्ट बनाने का तरीका जो बालों का ख्याल उतनी ही अच्छी तरह से रखता है जितनी अच्छी तरह से आप रखना चाहते हैं । इस पेस्ट को अपने सफेद या ग्रे होते बालों पर लगाने से आपके बाल बिल्कुल सफेद नहीं होंगे और मजे की बात यह है कि यहहै कि यह बालों के ओरिजिनल रंग को वापस ले आता है, अगर बाल पहले से ही ग्रे या सफेद हो चुके हैं तो यह उन्हें भी फिर से काला कर देगा, सफेद बाल बूढ़े होने का एक संकेत है।
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ग्रे बाल उम्र के साथ आते रहेंगे और कोई भी इसे नियंत्रित नही कर सकता है। लेकिन हाँ, आप समय से पहले सफेद होने वाले ग्रे बालो को रोक सकती हैं. बस इस पेस्ट को लगाए और जादू देखे।
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सामग्री:
– मुट्ठीभर करी पत्ते
– छाछ (बटर मिल्क)
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करी पत्ते लें और उन्हें धो लें. अब उन्हें एक क्रशर में डाल दें और उस में छाछ के 2-3 बड़े चम्मच डालें. अब पत्तियों को पीसना चालू करें और तब तक करते रहें जब तक आपको एक गाढ़ा हरा पेस्ट नहीं मिल जाता. अपने सिर पर इस पेस्ट को लगायें और धीरे से 5 मिनट के लिए मालिश करें. अपने बालों पर पेस्ट फैला लें और इसे 10-15 मिनट के लिए छोड़ दें. इस के बाद, इसे ठंडे पानी से धो लें. अगर आप एक महीने में दो बार इस उपाय का उपयोग करती हैं, तो आपको कभी सफेद बालों की समस्या नहीं होगी, अगर आपके बाल पहले से ही सफेद हैं, तो यह उपाय एक महीने में 5-6 बार करें।
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Friday, 31 March 2017
यूरिक एसिड को खत्म करने में यह चूर्ण बहुत उपयोगी है, यहॉ पढ़िये पूरी जानकारी
यूरिक एसिड को खत्म करने में यह चूर्ण बहुत उपयोगी है, यहॉ पढ़िये पूरी जानकारी
यूरिक एसिड को खत्म करने में यह चूर्ण बहुत उपयोगी है, यहॉ पढ़िये पूरी जानकारी
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यूरिक एसिड की समस्या आज सबसे तेजी से बढ़ती हुई स्वास्थय समस्याओं में से एक है । जानकार लोग बताते हैं कि यह मुख्य तौर पर अनुचित खानपान के कारण होने वाला रोग है जो कही ना कही शरीर की रोग प्रतिरोधी शक्ति से भी जुड़ा हुआ है । इस पोस्ट में हम आपको एक बहुत विशेष चूर्ण के बारे में बता रहे हैं जो यूरिक एसिड को बहुत प्रभावी रूप से नियंत्रित करने में बहुत लाभकारी होता है । तो आइये जानते हैं इस चूर्ण के बारे में ।
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जरूरी सामग्री :-
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1 :- गिलोय का चूर्ण :- 200 ग्राम
2 :- मेथी दाना चूर्ण :- 100 ग्राम
3 :- अजवायन चूर्ण :- 100 ग्राम
4 :- अर्जुन छाल चूर्ण :- 100 ग्राम
5 :- चोबचीनी चूर्ण :- 100 ग्राम
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गिलोय का चूर्ण आपको गिलोय की बेल को सुखाकर पीसकर मिल जायेगा, बाकि चार सामान आपको अपने आस पास किसी जड़ीबूटी वाले अथवा पँसारी की दुकान पर आसानी से मिल जायेंगे ।
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बनाने की विधी :-
इन सभी सामानों को एक साथ लेकर हल्का दरदरा कूटकर मिक्सी में डालकर महीन चूर्ण तैयार कर लें और किसी काँच की साफ एयरटाईट शीशी में भरकर रख लें । आपका चूर्ण तैयार है ।
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सेवन विधी :-
इस चूर्ण को 3-3 ग्राम की मात्रा में रोज सुबह और शाम लेना है । इस चूर्ण का सेवन गुनगुने जल के साथ करना अधिका उचित है । इसके सेवन काल में उचित परहेज का जरूर पालन करें । इस चूर्ण को लागातार 100 दिन तक सेवन करने से पुराने से पुराने यूरिक एसिड के रोगी को भी बहुत अच्छा लाभ मिलते हुये देखा गया है ।
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इस पोस्ट के माध्यम से दी गयी यह जानकारी हमारी समझ में पूरी तरह हानिरहित है, फिर भी आपके आयुर्वेदिक चिकितक के परामर्श से ही इस प्रयोग को करने की हम आपको सलाह देते हैं ।
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Thursday, 23 March 2017
नजर को तेज बनाकर आँखों के चश्में से मिलेगी आजादी, ये है वो अचूक उपाय जो चश्में को कहे बाय बाय
नजर को तेज बनाकर आँखों के चश्में से मिलेगी आजादी, ये है वो अचूक उपाय जो चश्में को कहे बाय बाय
नजर को तेज बनाकर आँखों के चश्में से मिलेगी आजादी, ये है वो अचूक उपाय जो चश्में को कहे बाय बाय
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आँखों पर नजर का चश्मा लगाना एक अवस्था में मजबूरी भरी जरूरत बन जाता है जिसका समाधान सिर्फ आँखों के ऑप्रेशन द्वारा ही हो पाता है । किंतु अब यही एकमात्र सत्य नही है चश्में से छुटकारा एक स्पेशल उपाय द्वारा भी पाया जा सकता है । इस उपाय के बारे में हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से बता रहे हैं, जरूर पढ़िये और लाभ उठाइये ।
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जरूरी सामग्री :-
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देशी गाय के दूध से बना देशी घी आधा किलो
असली शुद्ध शहद 250 ग्राम
काली मिर्च 100 ग्राम
असली केसर 2 ग्राम
बादाम की गिरी 100 ग्राम
पिस्ते की गिरी 100 ग्राम
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बनाने की विधी :-
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सबसे पहले काली मिर्च को सुखाकर और मिक्सी में पीसकर बारीक चूर्ण तैयार कर लें और बादाम एवं पिस्ते को बारीक बारीक कतर लें । इसके बाद देशी घी को सिर्फ इतना गर्म करें कि वो पिघल जाये । घी के पिघल जाने पर उसमें सभी चीजे अर्थात शहद, काली मिर्च का चूर्ण, केसर, पिस्ता और बादाम को मिलाकर खूब अच्छी तरह से मिक्स करदें । बस आपका नुस्खा तैयार है । इसको साफ काँच की शीशी अथवा मर्तबान में भरकर रख दीजिये । रोज सुबह और शाम एक-एक चम्मच सेवन करना है । 12 साल से छोटे बच्चों को आधा आधा चम्मच ही देना उचित है ।
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एक बात का विशेष ध्यान रखें, इस नुस्खे में अथवा किसी भी अन्य नुस्खे में कभी भी शहद और देशी घी को बराबर मात्रा में नही मिलाना चाहिये, दोनों को बराबर मात्रा में मिलाकर सेवन करने का आयुर्वेद के सभी ग्रंथों में पूरी तरह से निषेध किया गया है और स्पष्ट उल्लेख है कि किसी भी नुस्खे में शहद और घी को कम और ज्यादा के अनुपात में मिलाकर ही सेवन किया जाना चाहिये ।
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इस पोस्ट के माध्यम से दी गयी यह जानकारी हमारी समझ में पूरी तरह से हानिरहित है, फिर भी आपके आयुर्वेदिक चिकित्सक के परामर्श से ही इस नुस्खे को प्रयोग करने की हम सलाह देते हैं ।
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पलंगतोड़ पान, जो हर मदभरी स्त्री के मद को चूर चूर कर दे, लाख रूपये का नुस्खा
पलंगतोड़ पान, जो हर मदभरी स्त्री के मद को चूर चूर कर दे, लाख रूपये का नुस्खा
पलंगतोड़ पान, जो हर मदभरी स्त्री के मद को चूर चूर कर दे, लाख रूपये का नुस्खा
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मित्रों हर मर्द का एक ही सपना होता है, कि वो बहुत लम्बे समय तक मैथुन करने में सक्षम हो जाये और इसके लिये वो कुछ भी करने को तैयार रहता है । यहॉ आप्को कुछ भी नही करना है, बस पान खाना है, पान भी कोई ऐसा वैसा नही, स्पेशल पलंग तोड़ पान । इसको बनाने का तरीका हम आपको बता रहे हैं कि कैसे यह पलंग तोड़ पान बनाया जाये और अपनी जिंदगी को जोश से भरा जाये ।
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जरूरी सामान :-
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देशी पान का ताजा पत्ता
जायफल चूर्ण आधा ग्राम
लौंग चूर्ण आधा ग्राम
रस सिंदूर 125 मिलीग्राम
चंद्रोदय रस 250 मिलीग्राम
मनमथ रस 250 मिलीग्राम
गुलकंद 10 ग्राम
छोटी इलायची 2 नग
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रस सिंदूर, चंद्रोदय रस और मनमथ रस आपको अपने आसपास आयुर्वेदिक दवाओं की दुकान से मिल जायेंगे और बाकि समान आस पास बाजार से आसानी से मिल जायेंगे । आपको बस इतना करना है कि पान के ताजे देशी पत्ते पर गुल्कंद के साथ ऊपर लिखी गयी चीजे रखकर पान लगाना है और दिन में दो बार पान खाना है । शरीर कि रग रग में इतने जोश और बल सँचार होगा कि आपको खुद पर गर्व होगा । जरूर ट्राई करना बहुत ही उत्तम प्रयोग है ।
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हमारी समझ में यह प्रयोग पूरी तरह से हानिरहित है फिर भी हम सलाह देते हैं कि आपके आयुर्वेदिक चिकित्सक की परामर्श से ही इस पान का आप सेवन करें ।
आपकी पार्टनर करेगी त्राहीमाम और पडोसी कहेंगे कि धीरे करो, इस जलजले नुस्खे से
आपकी पार्टनर करेगी त्राहीमाम और पडोसी कहेंगे कि धीरे करो, इस जलजले नुस्खे से
आपकी पार्टनर करेगी त्राहीमाम और पडोसी कहेंगे कि धीरे करो, इस जलजले नुस्खे से
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यौन क्रिया एक परम आनंद का समय होता है और आजकल के युवा रति शक्ति में इतने कमजोर होते जा रहे हैं कि अपनी पार्टनर के रंग में आना शुरू करने के समय ही स्खलित होकर फारिग हो जाते हैं । इस पोस्ट में हम आपको बता रहे हैं एक ऐसा जलजला नुस्खा जिसको यदि आपने प्रयोग कर लिया तो आपकी पार्टनर का मद आप चूर चूर कर दोगे और वो आपसे त्राहीमाम कर उठेगी । पड़ोस वाले भैया भी बोलेंगे कि रात बहुत आवाज आ रही थी क्या खाया था । तो चलिये बताते हैं आपको इस जलजले नुस्खे के बारे में
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लौंग 10 ग्राम
जायफल 10 ग्राम
कपूर 10 ग्राम
कस्तूरी 10 ग्राम
चंद्रोदय रस 10 ग्राम
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इन सब चीजों को आयुर्वेदिक दवा अथवा जड़ी बूटी वाले के पास से लेकर सबको एक साथ मिलाकर पीस लें और 50 ग्राम मिश्री मिलाकर इसकी 60 पुड़िये बना लें । एक एक पुड़िया रोज सुबह शाम को मुँह में डालकर बैठ जायें 10-15 मिनट में जब मुँह में खूब लार इकट्ठा हो जाये तो इसको पी जायें । कुछ भी थुकना नही है ।
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इन सब चीजों को आयुर्वेदिक दवा अथवा जड़ी बूटी वाले के पास से लेकर सबको एक साथ मिलाकर पीस लें और 50 ग्राम मिश्री मिलाकर इसकी 60 पुड़िये बना लें । एक एक पुड़िया रोज सुबह शाम को मुँह में डालकर बैठ जायें 10-15 मिनट में जब मुँह में खूब लार इकट्ठा हो जाये तो इसको पी जायें । कुछ भी थुकना नही है ।
इसको लगातार एक महीने के प्रयोग से अंग अंग में इतने जोश का सँचार होता है कि आप बिना कमजोरी और थकावट का अनुभव किये अपनी पार्टनर को चाँद की सैर करवा दोगे ।
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हमारी जानकारी में यह नुस्खा पूरी तरह हानि रहित है फिर भी अपने आयुर्वेदिक चिकित्सक की परामर्श से ही आपको इस नुस्खे के प्रयोग की हम सलाह देते हैं ।
Monday, 13 March 2017
बार बार उल्टियॉ लगती हैं तो उनका उपचार कीजिये इन घरेलू उपायों के द्वारा
बार बार उल्टियॉ लगती हैं तो उनका उपचार कीजिये इन घरेलू उपायों के द्वारा
बार बार उल्टियॉ लगती हैं तो उनका उपचार कीजिये इन घरेलू उपायों के द्वारा
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बार बार उल्टियॉ होना वास्तव में कोई रोग ना होकर किसी अन्य रोग का लक्षण होता है जैसे कि बदहजमी, अम्लपित्त, फूडप्वाइजनिंग, भयंकर कब्ज़, लीवर में सूजन, आमाशय में सूजन आदि । वस्तुतः मूल रोग का उपचार होने से ही इस समस्या से पूर्ण समाधान सम्भव है । इस पोस्ट में हम आपको कुछ ऐसे उपचार बता रहे हैं जिनसे आप कुछ समय के लिये बार बार उल्टियों के होने पर रोक लगा सकते हैं और अपने चिकित्सक के पास सम्पूर्ण इलाज के लिये जा सकते हैं ।आइये जानते हैं इन उपचारों के बारे में ।
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1 :- दो भाग सौंफ, दो भाग देशी खाण्ड और एक भाग सफेद जीरा मिलाकर चूर्ण बना लें । इस चूर्ण को एक-एक ग्राम मुँह में रखकर चूसते रहने से बार बार उल्टी का वेग नही होता है ।
2 :- दो लौंग कूटकर आधा कटोरी पानी के साथ उबालें और ठण्डा करके पीने से उल्टी होना रुक जाती है ।
3 :- तुलसी और पोदीने की पत्तियॉ चबाकर ताजा पानी पीने से उल्टी की सम्भावना बहुत कम हो जाती है ।
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4 :- कपूर का अर्क 5 मिलीलीटर पीने से उल्टी रुक जाती है और दोषों का भी शमन हो जाता है ।
5 :- बहुत से लोगों को सफर के दौरान उल्टियॉ होने की शिकायत होती है । ऐसे लोग यदि सफर शुरू होने से आधा घण्टा पहले दो लौंग और आधे नीम्बू का रस का सेवन करें तो सफर के दौरान उल्टियॉ अमूमन फिर नही होती हैं ।
6 :- करीपत्ते की 10 पत्तियॉ उबालकर ठण्डा करके पीने से उल्टियों का होना रुक जाता है ।
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इस पोस्ट के माध्यम से दी गयी यह जानकारी हमारी समझ में पूरी तरह हानिरहित है, फिर भी आपके चिकित्सक के परामर्श से ही इनको सेवन करने की सलाह हम आपको देते हैं ।
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इस पोस्ट में दी गयी जानकारी आपको अच्छी और लाभकारी लगी हो तो कृपया लाईक और शेयर जरूर कीजियेगा, आपके एक शेयर से किसी जरूरतमंद तक सही जानकारी पहुँच सकती है और हमको भी आपके लिये और बेहतर लेख लिखने की प्रेरणा मिलती है ।
अम्लपित्त (peptic ulcer) की समस्या हो गयी है तो ये उपचार आपको लाभ देंगे
अम्लपित्त (peptic ulcer) की समस्या हो गयी है तो ये उपचार आपको लाभ देंगे
अम्लपित्त (peptic ulcer) की समस्या हो गयी है तो ये उपचार आपको लाभ देंगे
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बहुत ज्यादा मिर्च मसालेदार, अचार खटाई आदि, तला हुआ और चटपटा खाने, चाय-कॉफी, लाल मिर्च और कुछ दवाओं के ज्यादा सेवन से पेट में हाइड्रोक्लोरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है जिसके कारण अम्लपित्त की समस्या हो जाती है । यदि इस समस्या पर उचित समय पर ध्यान ना दिया जाये तो आमाशय में घाव बन जाते हैं । इस पोस्ट में हम आपको इस रोग से बचाव और इसके लक्षणों को खत्म करने के लिये कुछ लाभकारी घरेलू प्रयोगों के बारे में बता रहे हैं ।
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1 :- दोनों समय भोजन करने के बाद दो लौंग मुँह में रखकर चूसने से अम्लपित्त की समस्या में बहुत लाभ मिलता है ।
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2 :- गाजर का रस पीना अम्लपित्त के लिये बहुत लाभकारी नुस्खा है । दिन में दो बार ताजा निकाला गया गाजर का जूस 150-150 मिलीलीटर पीने से अम्लपित्त के रोगी को बहुत लाभ मिलता है ।
3 :- ऑवले का सेवन भी अम्लपित्त में रामबण उपचार है । ऑवले का सेवन साबुत खाकर, मुरब्बा बनाकर अथवा चूर्ण बनाकर रोज किया जा सकता है ।
4 :- अनार के जूस में दो चम्मच अदरक का जूस मिलाकर पीने से भी अम्लपित्त के रोगी को बहुत लाभ होता है ।
5 :- सौंफ का काढ़ा बनाकर दिन में दो टाईम पीने से अम्लपित्त रोग के कारण आमाशय में हुये घाव बहुत जल्दी भर जाते हैं और पेटमें ठण्डक का अहसास होता है ।
6 :- पुदीने और धनिये की पत्तियों का पेस्ट बनाकर चाटने से अम्लपित्त रोग के किसी भी उपचार में बहुत अच्छा लाभ मिलता है ।
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7 :- बेलपत्थर का ताजा जूस बनाकर पीने से अम्लपित्त के रोगी को पेट की सभी समस्याओं में बहुत लाभ मिलता है ।
8 :- कच्चा नारियल खाना और नारियल का पानी पीना आमाशय के घावों में जलन होने से बचाता है और घावों को भरने में भी बहुत लाभ देता है ।
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इस पोस्ट के माध्यम से दी गयी यह जानकारी हमारी समझ में पूरी तरह हानिरहित है, फिर भी आपके चिकित्सक के परामर्श से ही इनको सेवन करने की सलाह हम आपको देते हैं ।
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पेट में दर्द और अफारा की समस्या में ये उपाय अचूक रामबाण सिद्ध होते हैं
पेट में दर्द और अफारा की समस्या में ये उपाय अचूक रामबाण सिद्ध होते हैं
पेट में दर्द और अफारा की समस्या में ये उपाय अचूक रामबाण सिद्ध होते हैं
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पेट में अफारा हो जाना और उसके कारण पेट में दर्द हो जाना बहुत ही परेशानी का कारण बन जाता है जिसके होने के बहुत से कारण हो सकते हैं । कई बार इसका तत्काल उपचार घर पर भी कुछ सरल नुस्खों की सहायता से किया जा सकता है । इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको कुछ ऐसे ही कारगर घरेलू उपचार बता रहे हैं जो आपको बहुत लाभ देंगे ।
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1 :- सोंठ का चूर्ण एक ग्राम और आधा ग्राम काला नमक मिलाकर गरम पानी के साथ देने से अफारा कम हो जाता है ।
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2 :- यदि गैस पास ना हो रही हो तो नीम्बू के रस मे जायफल घिसकर चाटने से यह समस्या दूर हो जाती है ।
3 :- यदि रोगी को पेट में तेज दर्द हो तो अदरक और नीम्बू का तीन-तीन चम्मच रस मिलाकर देने से दर्द में बहुत आराम आता है ।
4 :- एक चम्मच सौंफ को एक कप पानी के साथ उबालकर पीने से पेट के अफारे और दर्द दोनों से ही आराम मिलता है । यदि उल्टी का मन हो रहा हो तो उसको भी यह ठीक करता है ।
5 :- पुदीने के 10 पत्ते और एक कप पानी को उबालकर पीने से भी अफारे और पेट के दर्द में तुरंत राहत मिलती है ।
6 :- अदरक, सेंधा नमक, जीरा और नीम्बू का सूप बनाकर पीने से अफारा बहुत जल्दी खत्म हो जाता है और पेट में आया कड़ापन भी खत्म हो जाता है ।
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7 :- कलौंजी, काली मिर्च और सौंठ को एक साथ बराबर बराबर लेकर पीसकर इस चूर्ण का 2 चुटकी को गुनगुने पानी के साथ सेवन करने से बहुत जल्दी ही अफारा खत्म हो जाती है और रुकी हुयी गैस पास हो जाती है ।
8 :- तुलसी के पत्तों का गुनगुने पानी के साथ पेस्ट बनाकर नाभि के चारों तरफ लेप करने से भी उत्तम लाभ होता है ।
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इस पोस्ट के माध्यम से दी गयी यह जानकारी हमारी समझ में पूरी तरह हानिरहित है, फिर भी आपके चिकित्सक के परामर्श से ही इनको सेवन करने की सलाह हम आपको देते हैं ।
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Sunday, 12 March 2017
बदलते मौसम में एलर्जी की समस्या आपको परेशान करती है तो इन प्रयोगों को अपना लीजिये
बदलते मौसम में एलर्जी की समस्या आपको परेशान करती है तो इन प्रयोगों को अपना लीजिये
हमारी दैनिक ज़िन्दगी में एलर्जी एक बेहद आम सा शब्द है | जब हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक शक्ति कमज़ोर हो जाती है तो हमारा शरीर बहरी तत्वों या पदार्थों की एक निश्चित सीमा से अधिक हो जाने पर उनके प्रति संवेदनशील हो जाता है | हमारा शरीर संवेदनशीलता को विभिन्न प्रतिक्रियाओं के रूप में दिखाता है | बेवजह छींक आना , नाक से किसी भी मौसम में पानी बहने लगना , नाक लाल हो जाना आदि नाक में एलर्जी के लक्षण हैं | त्वचा में एलर्जी होने पर बेहद खुजली होना , लाल लाल दाने और चकत्ते पड़ना आदि त्वचा में एलर्जी के लक्षण हैं | इसी तरह कुछ लोगों को खाने से और धूप से भी एलर्जी होती है | इसका मुख्य कारण असंतुलित जीवन शैली तथा प्रदुषण के कारण हमारी रोग प्रतिरोधक शक्ति का कमजोर होना है |
उपचार एवं नुस्खे -
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सौंफ का प्रयोग
गुनगुने पानी में एक चम्मच अदरक का रस, पुदीना का रस एवं थोड़ा सा सौंफ का पाउडर डालें | इस मिश्रण को दिन में दो तीन बार प्रयोग में लें | इससे हमारे शरीर की शुद्धि होती है |
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नीम
अगर स्किन एलर्जी के कारण त्वचा में खुजली या इन्फेक्शन ज्यादा है , तो कुछ दिनों तक नीम के पानी से स्नान करें | नीम किसी भी प्रकार के त्वचा के इन्फेक्शन में बेहद लाभप्रद है |
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नारियल
नारियल का तेल भी स्किन एलर्जी में लाभप्रद है | नारियल के तेल में नींबु का रस मिलाकर प्रभावित जगह पर लगाएं | सुबह नीम के पानी से धो लें | आराम मिलेगा |
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गिलोय
2 चम्मच गिलोय के रस में एक चम्मच आंवले का रस मिलाएं और 1 चम्मच शहद के साथ कुछ दिनों तक सेवन करें | इस प्रयोग से नाक की एल्रर्जी में काफी फायदा पहुंचेगा |
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च्वयनप्राश
च्वयनप्राश एक अद्भुत औषधि व रसायन है | सर्दियों में रोज सुबह एक चम्मच खाली पेट लेने से शरीर की रोगप्रतिरोधक शक्ति में जबरदस्त इजाफा होता है |
मायूस वैवाहिक जीवन में दोबारा खुशियाँ ला देंगे यह नुस्खें, आसान प्रयोग से
मायूस वैवाहिक जीवन में दोबारा खुशियाँ ला देंगे यह नुस्खें, आसान प्रयोग से
आजकल के नवयुवक यौनशक्ति की दुर्बलता के शिकार आसानी से हो रहे हैं | तनाव भरी ज़िन्दगी , जंक फ़ूड एवं तैलीय मसालेदार भोजन का अधिक प्रयोग , भोजन में पोषक तत्वों की कमी तथा सुस्त जीवन शैली के कारण हमारी यौन ऊर्जा कमजोर पड़ जाती है | कुछ लोग बचपन से ही गलत संगत में पड़कर अपनी यौन शक्ति को बर्बाद कर देते हैं और बाद में पछताते हैं | वीर्य का पतलापन , जननांग में शिथिलता , शरीर में उतेजना की कमी , स्वप्नदोष आदि लक्षण हमारे शरीर में यौन शक्ति की कमी को दिखाते हैं | अलोपेथिक दवाएं शुरआती फायदा पहुंचाती हैं परंन्तु आगे चलकर इनसे साइड इफेक्ट्स होते हैं | कुछ लोग तो भटक कर नशे का शिकार हो जाते हैं और अपनी ज़िन्दगी से खिलवाड़ करते हैं | प्रकृति प्रदत्त आयुर्वेदिक औषधियां ही इस रोग में उपयुक्त उपाय हैं |
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उपचार एवं नुस्खे -
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छुहारे
5-6 छुहारों को बारक काट लें ,थोड़े काजू और बादाम भी ले लें और इनको दूध में मिश्री के साथ डालकर अच्छी तरह पकाएं | रोज रात को सोते समय यह प्रयोग करें | इसे काम शक्ति में इजाफा होता हैं |
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गाजर
गाजर यौन शक्ति बढ़ाने में कारगर उपाय हैं | रोज सुबह शाम खाली पेट गाजर का जूस पियें | यौनशक्ति बढ़ेगी | अन्य प्रयोग में खाली पेट गाजर का मेवों से भरपूर एवं शुद्ध घी में बना हलवा खाएं और ऊपर से दूध पी लें | ये भी एक प्रभावकारी उपाय हैं |
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उड़द
उडद की दाल का शुद्ध घी में बना लड्डू खाएं | इसके ऊपर में दूध पी लें | इससे धातु पुष्ट होकर शक्ति प्राप्त होती हैं |
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शिलाजीत
शिलाजीत यौन शक्ति को बढ़ाने वाली अद्भुत औषधि हैं | 2 ग्राम शिलाजीत को गर्म दूध के साथ रात को रोज लें | यह यौनशक्ति तो बढाती ही हैं साथ में सारे यौन विकार भी दूर करती हैं |
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