Wednesday, 26 April 2017

ये लक्षण बताते हैं कि आँते कमजोर हैं, कही आपके साथ भी तो कमजोर आँतों की समस्या नही है ?

ये लक्षण बताते हैं कि आँते कमजोर हैं, कही आपके साथ भी तो कमजोर आँतों की समस्या नही है ?


एक स्वस्थ पेट एक स्वस्थ शरीर और मन को बनाए रखने का रहस्य है!

आपके समग्र स्वास्थ्य के लिए एक व्यवस्थित कार्यशील पाचन तंत्र आवश्यक है गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट में बहुत से बैक्टीरिया पाये जाते है, जो कई महत्वपूर्ण कार्यों को करने में सहायता करते है।

ये अच्छे बैक्टीरिया शरीर की प्रतिरक्षा शक्ति को बढ़ाने में मदद करते हैं, अच्छा महसूस करवाने वाले सेरेरोटोनिन का मस्तिष्क में उत्पादन करते हैं, भोजन को ऊर्जा में परिवर्तित करते हैं, और शरीर से हानिकारक पदार्थों और विषाक्त पदार्थों को नष्ट करते हैं ।
किंतु यदि जठरांत्र संबंधी मार्ग में अच्छे जीवाणुओं की तुलना में खराब जीवाणु अधिक हो जाते है, तो समस्यायें पैदा होने लगती हैं । आंत में बैक्टीरिया के असंतुलन से संभावित रूप से अन्य अंगों और शारीरिक प्रणालियों के सुचारू रूप से काम करने पर भी प्रभाव पड़ता है ।

वास्तव में, आँत में बैक्टिरिया के असंतुलन से हार्मोनल असंतुलन, ऑटोइम्यून बीमारिया, मधुमेह, लगातार बनी रहने वाली थकान, फाइब्रोमायलजिआ, चिंता, अवसाद, एक्जिमा, और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं भी पैदा हो जाती है ।

अधिकांश लोगों को यह भी पता नहीं चलता है कि उनके पेट में जीवाणुओं का असन्तुलन हो रहा है अतः समस्या का उपचार भी नही हो पाता है। अस्वास्थ्य आंत के संकेतों को जानने से आपको इस समस्या को पहचानने और उसका समाधान करने में सहायता मिलेगी ।

1. पाचन समस्या





अफारा, गैस, दस्त या अनियमित शौच पेट में बैक्टीरिया के असंतुलन का एक स्पष्ट संकेत हैं

आपके पेट के बैक्टीरिया भोजन को पचाने और तोड़ने के लिए काम करते हैं, यह सामान्य है कि इस प्रक्रिया में गैसों पैदा हो । लेकिन गंभीर गैस, सूजन या फटना असंतुलित पाचन तंत्र के कारण हो सकती है।
खराब खाद्य पदार्थों की वजह से अत्यधिक गैस गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट में एकत्रित हो सकती हैं, जो बड़े आंत में बैक्टीरिया की वजह से उत्पन्न होती हैं जहां गैस का उत्पादन होता है।

कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन खाने के बाद पाचन असुविधाएं विशेष रूप से गंभीर हो सकती हैं

एसिड रिफ्लक्स, सूजन, संग्रहणी रोग और बड़ी आँत की सूजन, ये सभी रोग पेट में बैक्टिरिया के असंतुलन से जुड़े हुए होते हैं।

.

2. विटामिन और खनिज की कमी





पाचन तंत्र की प्राथमिक भूमिका यह है कि आपके द्वारा खाये जाने वाले भोजन को तोड़कर शरीर की सभी कोशिकाओं में पोषक तत्वों की आपूर्ति करें। इन पोषक तत्वों का शरीर के विकास, मरम्मत और ऊर्जा के लिए कोशिकाओं द्वारा उपयोग किया जाता है
जब पेट में बैक्टीरिया के असंतुलन के कारण पाचन प्रक्रिया सुचारू नही होती है, तो पोषक तत्वों का शरीर द्वारा अवशोषण कम होता है। समय के साथ, यह पोषण संबंधी बीमारियों को पैदा कर सकता है

एक अस्वास्थ्य आंत के कारण आने वाली कमियों में विटामिन डी, के, बी 12 और बी 7 के साथ-साथ मैग्नीशियम के अपर्याप्त स्तर शामिल हैं।

आपका चिकित्सक यह निर्धारित करने में मदद कर सकता है कि क्या आप के शरीर में किसी भी पोषक तत्व की कमी है और क्या यह एक अस्वास्थ्य आंत या कुछ अन्य सम्बंधित कारण से हो सकता है।
.

3. शारीरिक ऊर्जा में कमी





.
यदि आपको पूरे दिन नींद आती रहती है और ऐसा इसके बावजूद होता है कि आपने रात में पर्याप्त नींद ली है और भोजन भी समुचित पोषक किया है तो यह एक अस्वस्थ पेट का संकेत हो सकता है

चयापचय एक जटिल प्रक्रिया है जिसके लिए ईंधन के लिए भोजन के रासायनिक रूप से टूटने की आवश्यकता होती है, जो आंतों में जीवाणुओं द्वारा किया जाता है। आंत के जीवाणुओं का असंतुलन आपके शरीर को पोषक तत्वों को अवशोषित करने से रोक सकता है, जिससे आपको हर समय थकान महसूस हो रही है।
इसके अलावा, ऐसा होने से टॉक्सिन पदार्थ आँतों से होते हुये पूरे शरीर में पहुँच जाते हैं जिसके कारण  ऊर्जा का स्तर प्रभावित हो सकता है।

इसके अलावा, अस्वास्थ्य आंत के कारण सूजन बढाने वाले कुछ यौगिकों में वृद्धि हो सकती है जिन्हें साइटोकिन्स कहा जाता है, इनका सीधा सीधा सम्बंध थकान के साथ जुड़ा होता हैं।

.

4. ऑटोइम्यून (प्रतिरक्षा तंत्र सम्बन्धि) रोगों से संबंधित सूजन





ऑटोम्यूमिन रोगों जैसे रयूमेटोइड आर्थाराइटिस, क्रोहन रोग और ल्यूपस आदि का सम्बंध भी आँतों से जुड़ा हुआ है। आंत में मौजूद अच्छे और खराब बैक्टीरिया में असंतुलन, शरीर की प्रतिरक्षी प्रतिक्रिया को उत्तेजित कर सकता है जो स्वप्रतिरक्षी बीमारियों वाले लोगों में सूजन पैदा कर सकता है।
.

5. त्वचा की समस्याएं





मुँहासे, एक्जिमा और परतदार त्वचा (सोराइसिस) जैसे त्वचा के रोग पेट के खराब स्वास्थ्य से संबंधित हो सकते हैं। वास्तव में, विशेषज्ञों ने आंत-मस्तिष्क-त्वचा के आपसी सम्बन्ध को पहचान लिया है जो यह बताता है कि कैसे पेट का स्वास्थ्य पूरे शरीर के अंगों में सूजन को प्रभावित करती है, जिसमें त्वचा भी शामिल है।
सूजन त्वचा के कई रोगों में देखने को आती है, विशेषकर मुँहासे और सोराइसिस के रोगों में ।
यदि आप अचानक मुँहासे, चर्मरोग,सोराइसिस, एक्जिमा आदि रोगों से ग्रसित हो गये हैं तो यह आँत में बैक्टिरिया के असन्तुलन का एक स्पष्ट संकेत हो सकता है ।
.
यदि आप इन में किसी एक या अधिक लक्षणों को अपने अन्दर महसूस कर रअहे हैं तो यह आपकी आँतों की सेहत के दुरुस्त ना होने का लक्षण हो सकता है । इस दशा में आपको अपने चिकित्सक से जरूर परामर्श करना चाहिये ।
.
इस पोस्ट के माध्यम से दी गयी जानकारी आपको अच्छी और लाभकारी लगी हो तो कृपया लाईक और शेयर जरूर कीजियेगा । आपके एक शेयर से किसी जरूरतमंद तक सही जानकारी पहुँच सकती है और हमको भी आपके लिये और बेहतर लेख लिखने की प्रेरणा मिलती है ।

No comments:

Post a Comment