Tuesday 18 April 2017

हृदय घात के बाद पीपल का ये प्रयोग – दोबारा नहीं होने देगा हार्ट अटैक

हृदय घात के बाद पीपल का ये प्रयोग – दोबारा नहीं होने देगा हार्ट अटैक



हृदय घात के बाद पीपल का ये प्रयोग – दोबारा नहीं होने देगा हार्ट अटैक
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आज कल की भाग दौड़ भरी ज़िन्दगी में हम अपना स्वस्थ्य बहुत पीछे छोड़ आये हैं और अक्सर नयी नयी बिमारियो से घिरे होने से आशंकित रहते हैं कि कहीं हम इस प्राण घातक रोग से ग्रस्त न हो जाए। अगर आप हृदय घात से आशंकित हैं तो ये लेख और ये प्रयोग आपके लिए ही हैं
पीपल को वेदो में अमृतमय माना गया हैं। दुनिया का सब से ताकतवर जीव हाथी हैं जिसका ये बहुत ही पसंदीदा भोजन हैं और हिन्दू धर्म में भी ऐसी कई प्रथाए बनायीं गयी हैं जिस से हम पीपल के समक्ष ज़्यादातर जाए, ऐसा करना कोई अंध श्रद्धा नहीं थी बल्कि उस समय के ज्ञानी पुरुषो ने ऐसा विधान बनाया था क्युकी पीपल के नीचे बैठने से ही कई श्वांस सम्बंधित रोगो से मुक्ति मिल जाती हैं।
भगवान श्री कृष्ण ने पीपल के वृक्ष की महिमा का बखान करते हुए विश्व प्रसिद्ध ग्रंथ गीता में कहा है-‘सब पेड़ों में उत्तम और दिव्य गुणों से सम्पन्न पीपल मैं स्वयं हूँ
प्रकृति ने बहुत सारी चीजो को हमारे शरीर के कुछ अंगो के आकार का बनाया हैं तांकि इसको देख कर हमे ये आभास हो के क्या इसका हमारे शरीर से कोई कनेक्शन हैं। इन्ही में से एक हैं पीपल। आप इसके पत्तो को गौर से देखिये। ये हमारे दिल के आकार के बने हैं। इनमे छिपा हुआ हैं हमारे स्वस्थ हृदय का राज़। पीपल की कोमल पत्तियों में हृदय को ताक़त और शान्ति देने की अद्भुत क्षमता हैं। 

प्रयोग कैसे करे:

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पीपल के पंद्रह ताज़ा पत्ते ले, पत्ते ज़्यादा गुलाबी कोपले कोमल न हो, बल्कि हरे और भली प्रकार विकसित हो। इन पत्तो का ऊपर का और नीचे का कुछ भाग काट कर अलग कर दे। 
पत्ते का बाकी का हिस्सा धुलाई कर ले और साफ़ कर ले। इनको 1 गिलास पानी में (लगभग 250 मिली) डालकर धीमी आंच में पकने दे, जब पानी पक कर एक तिहाई रह जाए (लगभग 80 मिली), तो इसको साफ़ मलमल के कपडे से छान कर किसी शीतल स्थान पर ढक कर रख दे, बस दवा तैयार हैं
इसको तीन हिस्सों में बाँट ले और प्रतिदिन तीन तीन घंटे के अंतराल में ले। और ये खुराक लेने से पहले थोड़ा हल्का भोजन जैसे दलिया वगैरह या आटे से बने 2-3 बिस्कुट ज़रूर ले मतलब ये खाली पेट नहीं लेनी
जिनको हृदय घात हो चुका हैं वह जब कुछ दिनों में थोड़े सामान्य हो जाए तब ये प्रयोग लगातार 15 दिन तक करे इस से उनका हृदय पुनः स्वस्थ हो जायेगा और दिल का दौरा पड़ने की सम्भावना नहीं रहेगी । 
दिल का दौरा पड जाने से परेशान व्यक्ति इस प्रयोग को ज़िंदगी में कम से कम एक बार ज़रूर करे, इस नुस्खे से उनका हृदय रोग निर्मूल हो सकता हैं।

परहेज :-

इस प्रयोग काल में कुछ परहेज बहुत ज़रूरी हैं, ताली हुयी चीजे, चावल, मांस मछली, अंडे, शराब, धूम्रपान,नमक, चिकनाई का प्रयोग बिलकुल बंद कर दे

खाए :-

अनार, पपीता, आंवला, बथुआ, लहसुन, मेथी दाना, मौसमी, सेब का मुरब्बा, रात में काले चने भिगो कर सुबह खाली पेट खाए, किशिमिश, दही छाछ।
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इस पोस्ट के माध्यम से दी गयी जानकारी हमारी समझ में पूरी तरह से हानिरहित हैं, फिर भी आपके आयुर्वेदिक चिकित्सक के परामर्श से ही इन प्रयोगों को करने की हम आपको सलाह देते हैं ।
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