Wednesday, 26 April 2017

ये लक्षण बताते हैं कि आँते कमजोर हैं, कही आपके साथ भी तो कमजोर आँतों की समस्या नही है ?

ये लक्षण बताते हैं कि आँते कमजोर हैं, कही आपके साथ भी तो कमजोर आँतों की समस्या नही है ?


एक स्वस्थ पेट एक स्वस्थ शरीर और मन को बनाए रखने का रहस्य है!

आपके समग्र स्वास्थ्य के लिए एक व्यवस्थित कार्यशील पाचन तंत्र आवश्यक है गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट में बहुत से बैक्टीरिया पाये जाते है, जो कई महत्वपूर्ण कार्यों को करने में सहायता करते है।

ये अच्छे बैक्टीरिया शरीर की प्रतिरक्षा शक्ति को बढ़ाने में मदद करते हैं, अच्छा महसूस करवाने वाले सेरेरोटोनिन का मस्तिष्क में उत्पादन करते हैं, भोजन को ऊर्जा में परिवर्तित करते हैं, और शरीर से हानिकारक पदार्थों और विषाक्त पदार्थों को नष्ट करते हैं ।
किंतु यदि जठरांत्र संबंधी मार्ग में अच्छे जीवाणुओं की तुलना में खराब जीवाणु अधिक हो जाते है, तो समस्यायें पैदा होने लगती हैं । आंत में बैक्टीरिया के असंतुलन से संभावित रूप से अन्य अंगों और शारीरिक प्रणालियों के सुचारू रूप से काम करने पर भी प्रभाव पड़ता है ।

वास्तव में, आँत में बैक्टिरिया के असंतुलन से हार्मोनल असंतुलन, ऑटोइम्यून बीमारिया, मधुमेह, लगातार बनी रहने वाली थकान, फाइब्रोमायलजिआ, चिंता, अवसाद, एक्जिमा, और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं भी पैदा हो जाती है ।

अधिकांश लोगों को यह भी पता नहीं चलता है कि उनके पेट में जीवाणुओं का असन्तुलन हो रहा है अतः समस्या का उपचार भी नही हो पाता है। अस्वास्थ्य आंत के संकेतों को जानने से आपको इस समस्या को पहचानने और उसका समाधान करने में सहायता मिलेगी ।

1. पाचन समस्या





अफारा, गैस, दस्त या अनियमित शौच पेट में बैक्टीरिया के असंतुलन का एक स्पष्ट संकेत हैं

आपके पेट के बैक्टीरिया भोजन को पचाने और तोड़ने के लिए काम करते हैं, यह सामान्य है कि इस प्रक्रिया में गैसों पैदा हो । लेकिन गंभीर गैस, सूजन या फटना असंतुलित पाचन तंत्र के कारण हो सकती है।
खराब खाद्य पदार्थों की वजह से अत्यधिक गैस गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट में एकत्रित हो सकती हैं, जो बड़े आंत में बैक्टीरिया की वजह से उत्पन्न होती हैं जहां गैस का उत्पादन होता है।

कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन खाने के बाद पाचन असुविधाएं विशेष रूप से गंभीर हो सकती हैं

एसिड रिफ्लक्स, सूजन, संग्रहणी रोग और बड़ी आँत की सूजन, ये सभी रोग पेट में बैक्टिरिया के असंतुलन से जुड़े हुए होते हैं।

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2. विटामिन और खनिज की कमी





पाचन तंत्र की प्राथमिक भूमिका यह है कि आपके द्वारा खाये जाने वाले भोजन को तोड़कर शरीर की सभी कोशिकाओं में पोषक तत्वों की आपूर्ति करें। इन पोषक तत्वों का शरीर के विकास, मरम्मत और ऊर्जा के लिए कोशिकाओं द्वारा उपयोग किया जाता है
जब पेट में बैक्टीरिया के असंतुलन के कारण पाचन प्रक्रिया सुचारू नही होती है, तो पोषक तत्वों का शरीर द्वारा अवशोषण कम होता है। समय के साथ, यह पोषण संबंधी बीमारियों को पैदा कर सकता है

एक अस्वास्थ्य आंत के कारण आने वाली कमियों में विटामिन डी, के, बी 12 और बी 7 के साथ-साथ मैग्नीशियम के अपर्याप्त स्तर शामिल हैं।

आपका चिकित्सक यह निर्धारित करने में मदद कर सकता है कि क्या आप के शरीर में किसी भी पोषक तत्व की कमी है और क्या यह एक अस्वास्थ्य आंत या कुछ अन्य सम्बंधित कारण से हो सकता है।
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3. शारीरिक ऊर्जा में कमी





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यदि आपको पूरे दिन नींद आती रहती है और ऐसा इसके बावजूद होता है कि आपने रात में पर्याप्त नींद ली है और भोजन भी समुचित पोषक किया है तो यह एक अस्वस्थ पेट का संकेत हो सकता है

चयापचय एक जटिल प्रक्रिया है जिसके लिए ईंधन के लिए भोजन के रासायनिक रूप से टूटने की आवश्यकता होती है, जो आंतों में जीवाणुओं द्वारा किया जाता है। आंत के जीवाणुओं का असंतुलन आपके शरीर को पोषक तत्वों को अवशोषित करने से रोक सकता है, जिससे आपको हर समय थकान महसूस हो रही है।
इसके अलावा, ऐसा होने से टॉक्सिन पदार्थ आँतों से होते हुये पूरे शरीर में पहुँच जाते हैं जिसके कारण  ऊर्जा का स्तर प्रभावित हो सकता है।

इसके अलावा, अस्वास्थ्य आंत के कारण सूजन बढाने वाले कुछ यौगिकों में वृद्धि हो सकती है जिन्हें साइटोकिन्स कहा जाता है, इनका सीधा सीधा सम्बंध थकान के साथ जुड़ा होता हैं।

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4. ऑटोइम्यून (प्रतिरक्षा तंत्र सम्बन्धि) रोगों से संबंधित सूजन





ऑटोम्यूमिन रोगों जैसे रयूमेटोइड आर्थाराइटिस, क्रोहन रोग और ल्यूपस आदि का सम्बंध भी आँतों से जुड़ा हुआ है। आंत में मौजूद अच्छे और खराब बैक्टीरिया में असंतुलन, शरीर की प्रतिरक्षी प्रतिक्रिया को उत्तेजित कर सकता है जो स्वप्रतिरक्षी बीमारियों वाले लोगों में सूजन पैदा कर सकता है।
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5. त्वचा की समस्याएं





मुँहासे, एक्जिमा और परतदार त्वचा (सोराइसिस) जैसे त्वचा के रोग पेट के खराब स्वास्थ्य से संबंधित हो सकते हैं। वास्तव में, विशेषज्ञों ने आंत-मस्तिष्क-त्वचा के आपसी सम्बन्ध को पहचान लिया है जो यह बताता है कि कैसे पेट का स्वास्थ्य पूरे शरीर के अंगों में सूजन को प्रभावित करती है, जिसमें त्वचा भी शामिल है।
सूजन त्वचा के कई रोगों में देखने को आती है, विशेषकर मुँहासे और सोराइसिस के रोगों में ।
यदि आप अचानक मुँहासे, चर्मरोग,सोराइसिस, एक्जिमा आदि रोगों से ग्रसित हो गये हैं तो यह आँत में बैक्टिरिया के असन्तुलन का एक स्पष्ट संकेत हो सकता है ।
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यदि आप इन में किसी एक या अधिक लक्षणों को अपने अन्दर महसूस कर रअहे हैं तो यह आपकी आँतों की सेहत के दुरुस्त ना होने का लक्षण हो सकता है । इस दशा में आपको अपने चिकित्सक से जरूर परामर्श करना चाहिये ।
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इस पोस्ट के माध्यम से दी गयी जानकारी आपको अच्छी और लाभकारी लगी हो तो कृपया लाईक और शेयर जरूर कीजियेगा । आपके एक शेयर से किसी जरूरतमंद तक सही जानकारी पहुँच सकती है और हमको भी आपके लिये और बेहतर लेख लिखने की प्रेरणा मिलती है ।

3 औषधियों का ये मिश्रण इन 18 असाध्य रोगों का काल है, बुढ़ापे में भी जवानी रहेगी, जरूर पढ़े और शेयर करे

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बहुत ही चमत्कारी दवा बनाने के लिए आवश्यक सामग्री :

250 ग्राम मैथीदाना
100 ग्राम अजवाईन
50 ग्राम काली जीरी (ज्यादा जानकारी के लिए नीचे देखे)
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औषिधि तैयार करने का तरीका :

उपरोक्त तीनो चीजों को साफ-सुथरा करके हल्का-हल्का सेंकना(ज्यादा सेंकना नहीं) तीनों को अच्छी तरह मिक्स करके मिक्सर में पावडर बनाकर कांच की शीशी या बरनी में भर लेवें।
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सेवन करने का तरीका :

रात्रि को सोते समय एक चम्मच पावडर एक गिलास पूरा कुन-कुना पानी के साथ लेना है। गरम पानी के साथ ही लेना अत्यंत आवश्यक है लेने के बाद कुछ भी खाना पीना नहीं है। यह चूर्ण सभी उम्र के व्यक्ति ले सकतें है। 
चूर्ण रोज-रोज लेने से शरीर के कोने-कोने में जमा पडी गंदगी (कचरा) मल और पेशाब द्वारा बाहर निकल जाएगी । पूरा फायदा तो 80-90 दिन में महसूस करेगें, जब फालतू चरबी गल जाएगी, नया शुद्ध खून का संचार होगा । चमड़ी की झुर्रियाॅ अपने आप दूर हो जाएगी। शरीर तेजस्वी, स्फूर्तिवाला व सुंदर बन जायेगा ।
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इन असाध्य 18 रोगों में फायदेमंद है :

1गठिया दूर होगा और गठिया जैसा जिद्दी रोग दूर हो जायेगा।
2हड्डियाँ मजबूत होगी।
3आँखों रौशनी बढ़ेगी।
4बालों का विकास होगा।
5पुरानी कब्जियत से हमेशा के लिए मुक्ति।
6शरीर में खुन दौड़ने लगेगा।
7कफ से मुक्ति।
8हृदय की कार्य क्षमता बढ़ेगी।
9थकान नहीं रहेगी, घोड़े की तहर दौड़ते जाएगें।
10स्मरण शक्ति बढ़ेगी।
11स्त्री का शारीर शादी के बाद बेडोल की जगह सुंदर बनेगा।
12कान का बहरापन दूर होगा।
13भूतकाल में जो एलाॅपेथी दवा का साईड इफेक्ट से मुक्त होगें।
14खून में सफाई और शुद्धता बढ़ेगी।
15शरीर की सभी खून की नलिकाएॅ शुद्ध हो जाएगी।
16दांत मजबूत बनेगा, इनेमल जींवत रहेगा।
17नपुसंकता दूर होगी।
18डायबिटिज काबू में रहेगी, डायबिटीज की जो दवा लेते है वह चालू रखना है। इस चूर्ण का असर दो माह लेने के बाद से दिखने लगेगा । जिंदगी निरोग,आनंददायक, चिंता रहित स्फूर्ति दायक और आयुष्ययवर्धक बनेगी । जीवन जीने योग्य बनेगा।
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ध्यान दे : 

कुछ लोग कलौंजी को काली जीरी समझ रहे है जो कि गल्त है काली जीरी अलग होती है जो आपको पंसारी या आयुर्वेद की दुकान से मिल जाएगी जिसके नाम इस तरह से है।
हिन्दी कालीजीरी, करजीरा।
संस्कृत अरण्यजीरक, कटुजीरक, बृहस्पाती।
मराठी कडूकारेलें, कडूजीरें।
गुजराती कडबुंजीरू, कालीजीरी।
बंगाली बनजीरा।
अंग्रेजी पर्पल फ्लीबेन।

बासी रोटी मत फेकिये क्योंकि इसके फायदे जानकर आप हैरान रह जाएंगे

बासी रोटी मत फेकिये क्योंकि इसके फायदे जानकर आप हैरान रह जाएंगे



बासी रोटी मत फेकिये क्योंकि इसके फायदे जानकर आप हैरान रह जाएंगे
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अक्‍सर हम सभी के घरों में हर रोज 2-4 रोटी जरूर बच जाती है और उसे हम कूड़े में डाल देते हैं। पिछले जमाने में बासी रोटी को जानवरों के लिए रखा जाता था लेकिन अब शहरों में जानवर नहीं मिलते ऐसे में बहुत सारा अनाज हर रोज बर्बाद किया जाता है। ऐसे में आज हम आपको जो बताने जा रहे है उसे सुनकर शायद आप चौंक जाएंगे।
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जी हां हम आपको बता दें कि जो बासी रोटी हम फेंक देते है उसे खाने से बहुत ही ज्यादा फायदा होता है ये खासकर उनके लिए है जो दिन भर भागदौड़ का काम करते है और उनको हाई बीपी का प्रॉब्‍लम है। ऐसे लोग अगर हर रोज सुबह गेहूं के 2 बासी रोटी को दूध में मिला कर खाएं तो उनका ब्लूड प्रेशर कंट्रोल हो जाता है और अगर आपको बीपी नहीं भी है तो कभी होने नहीं देता इसलिए आप हर रोज बसी रोटी जरूर खाएं और स्वस्थ्य रहें।
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अगर आप सुबह कुछ न कुछ खा लेते हैं और फिर बाजार निकलते हैं तो गैस बनने लगता है अगर आप यही घर से निकलने से पहले सुबह सुबह अगर बासी रोटी दुध के साथ खा लेते हैं तो आपको गैस की प्रॉब्‍लम नहीं होती है। इस एसिडिटी से ही आपको तनाव और शुगर जैसी बिमारी का सामना करना पड़ता है। इसलिए जो लोग बासी रोटी साथ दूध का सेवन करके बाहर निकलते हैं उनका शुगर कंट्रोल में रहता है।
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इतना ही नहीं जिन्‍हें पेट से संबंधित कोई समस्‍या है वो लोग अगर दूध के साथ बासी रोटी खाएं तो पेट की हर समस्या ठीक हो जाती है।
जिन्‍हें हाई ब्लड प्रैशर की समस्‍या है वो अगर रोज सुबह ठंडे दूध के साथ 2 बासी रोटी खाए तो शरीर का रक्त चाप संतुलित रहता है। इसके अलावा ज्यादा गर्मी के मौसम में भी इसका सेवन करने से शरीर का तापमान सही रहता है।

Saturday, 22 April 2017

रात के 11 बजे से 3 बजे तक करोगे रोमांस, एक बार इस पान को खाकर तो देखिये, पुरुषों के सपने अब होंगे पूरे


रात के 11 बजे से 3 बजे तक करोगे रोमांस, एक बार इस पान को खाकर तो देखिये, पुरुषों के सपने अब होंगे पूरे



मित्रों हर मर्द का एक ही सपना होता है, कि वो बहुत लम्बे समय तक मैथुन करने में सक्षम हो जाये और इसके लिये वो कुछ भी करने को तैयार रहता है । यहॉ आप्को कुछ भी नही करना है, बस पान खाना है, पान भी कोई ऐसा वैसा नही, स्पेशल पलंग तोड़ पान । इसको बनाने का तरीका हम आपको बता रहे हैं कि कैसे यह पलंग तोड़ पान बनाया जाये और अपनी जिंदगी को जोश से भरा जाये ।
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जरूरी सामान :-

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देशी पान का ताजा पत्ता




जायफल चूर्ण आधा ग्राम
लौंग चूर्ण आधा ग्राम
रस सिंदूर 125 मिलीग्राम
चंद्रोदय रस 250 मिलीग्राम
मनमथ रस 250 मिलीग्राम
गुलकंद 10 ग्राम
छोटी इलायची 2 नग
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रस सिंदूर, चंद्रोदय रस और मनमथ रस आपको अपने आसपास आयुर्वेदिक दवाओं की दुकान से मिल जायेंगे और बाकि समान आस पास बाजार से आसानी से मिल जायेंगे । आपको बस इतना करना है कि पान के ताजे देशी पत्ते पर गुल्कंद के साथ ऊपर लिखी गयी चीजे रखकर पान लगाना है और दिन में दो बार पान खाना है । शरीर कि रग रग में इतने जोश और बल सँचार होगा कि आपको खुद पर गर्व होगा । जरूर ट्राई करना बहुत ही उत्तम प्रयोग है ।
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हमारी समझ में यह प्रयोग पूरी तरह से हानिरहित है फिर भी हम सलाह देते हैं कि आपके आयुर्वेदिक चिकित्सक की परामर्श से ही इस पान का आप सेवन करें ।

चावल का आटा आँखों के काले घेरे को छूमंतर कर देगा साथ मे सुंदरता पे चार चांद भी लगा देगा

चावल का आटा आँखों के काले घेरे को छूमंतर कर देगा साथ मे सुंदरता पे चार चांद भी लगा देगा



चावल का आटा आँखों के काले घेरे को छूमंतर कर देगा साथ मे सुंदरता पे चार चांद भी लगा देगा
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आज के समय में जहां हर कोई सुंदर दिखना चाहता है वहीं हमारी सुन्दरता को जब किसी बीमारी की नजर लग जाती है तो हमारी स्किन को कई परेशानियाँ हो जाती है। लेकिन अगर हम चाहे तो इसे घर में मौजूद सामान के द्वारा अपनी स्किन की परेशानियों को आसानी से दूर कर सकते हैं और साथ ही ब्यूटी के भी कई फायदे मिलते हैं।  इन उपायों के द्वारा हमें सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि इसका इस्तेमाल करने से हमें किसी प्रकार का साइडइफ़ेक्ट नहीं होता और यह कम पैसों में अधिक असरदार देते हैं। घर में मौजूद सामान में से एक है चावल का आटा। चावल के आटे से हमारा सौंदर्य निखरता है और हमारे चेहरे से कील मुंहासे साफ हो जाते हैं। इससे हमें और भी फायदे मिलते हैं जिनके बारे में आज हम आपको बताएगें…
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सुंदरता बढ़ाने के उपाय:


कील मुंहासे: 

एक कटोरी में दो चम्मच चावल का आटा, एक चम्मच शहद, एक चम्मच एलोवेरा जेल मिलकर एक पेस्ट तैयार कर लें। फिर इसे अपने चेहरे पर पन्द्रह से बीस मिनट तक लगा रहने दें। बाद में साफ़ पानी से अपना चेहरा साफ़ कर लें। कुछ दिनों में आपकी कील मुंहासों की प्रोब्लम दूर हो जाएगी।
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टैनिंग की शिकायत दूर करें: 

चावल के आटा टैनिंग को दूर करने में मदद करता है। इसके लिए एक चम्मच चावल का आटा, नींबू का रस और खीरे का रस मिलाकर एक पेस्ट तैयार करें। फिर उसे अपने चेहरे पर अच्छे से लगा लें। सुख जाने पर अपना चेहरा थोड़े गुनगुने पानी के साथ धो लें।
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डार्क सर्कल्स को दूर करे: 

यदि आप डार्क सर्कल्स से परेशान हैं, तो एक कटोरी में थोड़ा सा चावल का आटा लें। इसमें पका हुआ एक केला और कैस्टर ऑयल की कुछ बूंदे मिलाकर डार्क सर्कल्स वाली जगह परे लगाएं। कुछ दिनों तक आपका चेहरा साफ़ हो जाएगा।
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एंटी एजिंग फेस मास्क: 

चावल के आटे के द्वारा चेहरे की झुरियां और चेहरे की बारीक़ बारीक रेखाओं से छुटकारा मिल जाता है। लेकिन इसके लिए हमें सबसे पहले एक कटोरी में दो बड़े चम्मच चावल का आटा, अंडे का सफेद हिस्सा और ग्लिसरीन की चार से पांच बुँदे मिलाकर चेहरे पर लगाएं। इस मिश्रण के सुख जाने पर उंगुलियों की मदद से इसे हटायें और चेहरा पानी के साथ साफ कर लें। इससे आपके चेहरे में चमक आ जाएगी और आपका चेहरा एकदम साफ हो जाएगा। यह आपके चेहरे पर मास्क की तरह काम करता है।
रुखी त्वचा से राहत: यदि आप अपनी रुखी त्वचा से परेशान हैं और इससे छुटकारा पाना चाहते हैं तो ऐसे में चावल के आटे में स्ट्राबेरीज मिलाकर अपने चेहरे पर लगा लें। फिर कुछ समय के बाद अपना चेहरा ठंडे पानी के साथ धो लें।
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आँखों के नीचे काले घेरे दूर करे: 

पढ़ने से कंप्यूटर के आगे अधिक समय काम करने से या कमजोरी के कारण हमारी आँखों के नीचे काले घेरों के निशान हो जाते हैं और इससे चेहरा बेकार सा लगता है। इसको दूर करने के लिए दो चम्मच चावल का आटे में पका हुआ केला या एक चम्मच मलाई को अच्छे से मिक्स कर लें। इस मिश्रण में बादाम का एक चम्मच भी मिला सकते हैं। इसे नियमित रूप से अपनी आँखों के नीचे काले घेरे पर लगाने से काले घेरे दूर हो जायेगें।
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Thursday, 20 April 2017

कच्चे केले को खाने से मोटापा, चर्बी, कब्ज मधुमेह और पाचन तंत्र के रोग आपको सारी जिन्दगी परेशान नही कर पायेंगे

कच्चे केले को खाने से मोटापा, चर्बी, कब्ज मधुमेह और पाचन तंत्र के रोग आपको सारी जिन्दगी परेशान नही कर पायेंगे



कच्चे केले को खाने से मोटापा, चर्बी, कब्ज मधुमेह और पाचन तंत्र के रोग आपको सारी जिन्दगी परेशान नही कर पायेंगे
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यूँ तो कच्चे केले में बहुत से पोषक तत्व पाये जाते हैं उनमें से पोटेशियम बहुत प्रमुख है । पोटेशियम शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाने में बहुत लाभकारी होता है । जिस कारण से यह मेटाबॉलिज्म से सम्बंधित रोगों के होने से बचने का एक अच्छा उपाय बन सकता है । साथ ही कच्चे केले में लाभकारी स्टॉर्च और और विटामिन बी-6 और विटामिन सी होता है जो शरीर को पोषण देने के साथ साथ दिन भर आपको एक्टिव भी बनाये रखता है । इस पोस्ट के माध्यम सए हम आपको बता रहे हैं कच्चे केले से मिलने वाले कुछ अत्यन्त गुणकारी लाभों के बारे में ।
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1 :- मोटापा और चर्बी घटाने के लिये :- 

जो लोग अपना वजन घटाना चाह रहे हैं उनको रोज एक या दो कच्चे केले खाने की सलाह डाईटीशियन देते हैं । कच्चे केले में भरपूर मात्रा में रेशा ( फाईबर ) पाया जाता है जो शरीर में से गैरजरूरी फैट और अन्य गन्दगियों को साफ करने में मदद करता है । जिससे शरीर में से वजन घटता है और आप अपने आप को स्फुर्तीवान महसूस करते हो ।
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2 :- कब्ज की समस्या में लाभकारी है कच्चा केला :- 

कच्चे केले में मौजूद स्टार्च और फाईबर ऑतों को साफ रखते हैं और कब्ज पैदा करने वाली गन्दगी को इक्ट्ठा होने ही नही देते हैं जिस कारण से मल ऑतों में रुक ही नही पाता है और कब्ज की समस्या नही बन पाती है ।
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3 :- भूख नियन्त्रण के लिये खायें कच्चा केला :-

कच्चा केला खाने से सबसे बड़ा लाभ यह है कि हम बार बार खाने से बच जाते हैं जिससे अनावशय्क कैलोरी शरीर में जाने से बच जाती है । केला फाईबर और पोषण से भरपूर होता है और देर से हजम होता है जिस कारण केला खाने से काफी देर तक भूख नही लगती है ।
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4 :- शुगर कण्ट्रोल करने में मददगार है कच्चा केला :-

कच्चा केले के ऊपर की गयी कुछ रिसर्च में यह तथ्य सामने आया है कि यदि मधुमेह रोग की प्रारम्भिक अवस्था में ही कच्चे केले का सेवन करना शुरू कर दिया जाये तो जल्दी ही बिना दवाओं के शुगर को कण्ट्रोल किया जा सकता है । तो यदि आपकी जानकारी में भी किसी रोगी को नयी नयी शुगर हुयी है तो उनको रोज कच्चा केला खाने की सलाह जरूर दें ।
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5 :- पाचन तंत्र को दुरुस्त रखता है कच्चा केला :-

कच्चा केला खाना, पाचन तंत्र के विकारों को कण्ट्रोल रखने के लिये सर्वोत्तम उपायों में से एक है । कच्चा केला खाने से आमाशय के अन्दर पाचक रसों का स्राव समुचित रूप से होता है जिस कारण पूरी आहार नलिका के कार्य सुगम रूप से होते रहते हैं ।
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कच्चा केला सेवन करने का सर्वोत्तम तरीका उसको उबालकर अथवा सब्जी बनाकर खाना होता है । कच्चे केले को कभी भी पके केले की तरह छिलका उतारकर सीधा ही नही खा लेना चाहिये ।
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Wednesday, 19 April 2017

घर में इस जगह लटका दे फिटकरी का एक टुकड़ा इतना बरसेगा पैसा संभाल नही पाओगे

घर में इस जगह लटका दे फिटकरी का एक टुकड़ा इतना बरसेगा पैसा संभाल नही पाओगे






घर में इस जगह लटका दे फिटकरी का एक टुकड़ा इतना बरसेगा पैसा संभाल नही पाओगे
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अक्‍सर हम फिटकरी का प्रयोग बहुत ही पहले से करते आ रहे हैं इसका प्रयोग आम तौर पर जले कटे घाव पर किये जाते हैं। फिटकरी की ऐसी ताकत होती है तो वो किसी भी परेशानी को दूर कर सकता है।

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फिटकरी के उपाय को करने से आपके दुकान ऑफिस या व्यापार में तरक्की क्या योग बनेंगे यदि आपको लगता है कि लाभ प्रयास के बावजूद भी आप का व्यापर आगे नहीं बढ़ रहा कोई ना कोई रुकावट आ रही है या फिर कही पैसा फंसा हुआ है।
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50 ग्राम फिटकरी का टुकड़ा घर के प्रत्येक कमरे में तथा कार्यालय के किसी कोने में अवश्य रखना चाहिए। इससे वास्तुदोषों से रक्षा होती है।
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यदि आपके घर में या कारोबार में बर‍कत नहीं हो रही तो फिटकरी का टुकड़ा दुकान या घर के मुख्य द्वार पर काले कपड़े में बाँधकर लटकाने से बरकत आती है। नजर दोष व नकारात्मकता दूर होती है।
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यदि कर्ज से परेशान है तो थोड़ी मात्रा में फिटकरी को ले और इसे पान के टुकड़े में सिंदूर के साथ बांध दे, बांधने के लिए आप कलेवे का भी इस्‍तेमाल कर सकते हैं। अब आप शाम के समय इसे पीपल के पेड़ के नीचे पत्‍थर या मिटी के नीचे दबा दें।
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Tuesday, 18 April 2017

मोटापा, पेट की तोंद की चर्बी निवारण के कुदरती पदार्थों के घरेलु उपचार

मोटापा, पेट की तोंद की चर्बी निवारण के कुदरती पदार्थों के घरेलु उपचार



मोटापा, पेट की तोंद की चर्बी निवारण के कुदरती पदार्थों के घरेलु उपचार
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1 चर्बी घटाने के लिये व्यायाम बेहद आवश्यक उपाय है।एरोबिक कसरतें लाभप्रदहोती हैं। आलसी जीवन शैली सेमोटापा बढता है। अत:सक्रियता बहुत जरूरी है।
2 शहद मोटापा निवारण केलिये अति महत्वपूर्ण पदार्थ है।एक चम्मच शहद आधा चम्मच नींबूका रस गरम जल में मिलाकर लेतेरहने से शरीर की अतिरिक्तचर्बी नष्ट होती है। यह दिन में३ बार लेना कर्तव्य है।
3 पत्ता गोभी(बंद गोभी) में चर्बी घटाने के गुण होते हैं।:ज्यादा केलोरी का दहन होता है। इस प्रक्रिया मेंचर्बी समाप्त होकर मोटापा निवारण में मदद मिलती है।
4 पुदीना मेंमोटापा विरोधी तत्व पायेजाते हैं। पुदीना रस एक चम्मच २चम्मच शहद में मिलाकर लेते रहनेसे उपकार होता है।
5 सुबह उठते ही २५० ग्रामटमाटर का रस २-३ महीने तकपीने से शरीर की वसा मेंकमी होती है।
6 गाजर का रस मोटापा कमकरने में उपयोगी है। करीब ३००ग्राम गाजर का रस दिन मेंकिसी भी समय लेवें।
7 एक अध्ययन का निष्कर्ष आया है कि वाटर थिरेपी मोटापा की समस्या हल करने में कारगर सिद्ध हुई है। सुबह उठने के बाद प्रत्येक घंटे के फ़ासलेपर २ गिलास पानी पीते रहें।इस प्रकार दिन भर में कम से कम२० गिलास पानी पीयें। इससेविजातीय पदार्थ शरीर सेबाहर निकलेंगे और चयापचय प्रक्रिया(मेटाबोलिस्म) तेज होकर ज्यादा केलोरी का दहनहोगा ,और शरीर की चर्बी कमहोगी। अगर २ गिलास के बजाये३ गिलास पानी प्रति घंटेपीयें तो और भी तेजी सेमोटापा निवारण होगा।
8 कम केलोरी वाले खाद्यपदार्थों का उपयोग करें।जहां तक आप कम केलोरी वालेभोजन की आदतनहीं डालेंगे ,मोटापा निवारणदुष्कर कार्य रहेगा। अब मैं ऐसेभोजन पदार्थ निर्देशितकरता हूं जिनमें नगण्य केलोरी होती है।
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अपने भोजनमें ये पदार्थ ज्यादा शामिलकरें - 

नींबू, जामफ़ल (अमरुद), अंगूर, सेवफ़ल, खरबूजा, जामुन, पपीता, आम, संतरा, पाइनेपल, टमाट,र तरबूज, बैर स्ट्राबेरी, सब्जीयां जिनमें नहीं के बराबर केलोरी होती है-पत्ता गोभी, फ़ूल गोभी, ब्रोकोली, प्याज, मूली, पालक, शलजम, सौंफ़, लहसुन, अदरक चाकू से बरीक काट लें, एक नींबू की चीरें काटकर दोनो पानी में ऊबालें। सुहाता गरम पीयें।बढिया उपाय है।
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इस पोस्ट के माध्यम से दी गयी जानकारी हमारी समझ में पूरी तरह से हानिरहित हैं, फिर भी आपके आयुर्वेदिक चिकित्सक के परामर्श से ही इन प्रयोगों को करने की हम आपको सलाह देते हैं ।
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हृदय घात के बाद पीपल का ये प्रयोग – दोबारा नहीं होने देगा हार्ट अटैक

हृदय घात के बाद पीपल का ये प्रयोग – दोबारा नहीं होने देगा हार्ट अटैक



हृदय घात के बाद पीपल का ये प्रयोग – दोबारा नहीं होने देगा हार्ट अटैक
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आज कल की भाग दौड़ भरी ज़िन्दगी में हम अपना स्वस्थ्य बहुत पीछे छोड़ आये हैं और अक्सर नयी नयी बिमारियो से घिरे होने से आशंकित रहते हैं कि कहीं हम इस प्राण घातक रोग से ग्रस्त न हो जाए। अगर आप हृदय घात से आशंकित हैं तो ये लेख और ये प्रयोग आपके लिए ही हैं
पीपल को वेदो में अमृतमय माना गया हैं। दुनिया का सब से ताकतवर जीव हाथी हैं जिसका ये बहुत ही पसंदीदा भोजन हैं और हिन्दू धर्म में भी ऐसी कई प्रथाए बनायीं गयी हैं जिस से हम पीपल के समक्ष ज़्यादातर जाए, ऐसा करना कोई अंध श्रद्धा नहीं थी बल्कि उस समय के ज्ञानी पुरुषो ने ऐसा विधान बनाया था क्युकी पीपल के नीचे बैठने से ही कई श्वांस सम्बंधित रोगो से मुक्ति मिल जाती हैं।
भगवान श्री कृष्ण ने पीपल के वृक्ष की महिमा का बखान करते हुए विश्व प्रसिद्ध ग्रंथ गीता में कहा है-‘सब पेड़ों में उत्तम और दिव्य गुणों से सम्पन्न पीपल मैं स्वयं हूँ
प्रकृति ने बहुत सारी चीजो को हमारे शरीर के कुछ अंगो के आकार का बनाया हैं तांकि इसको देख कर हमे ये आभास हो के क्या इसका हमारे शरीर से कोई कनेक्शन हैं। इन्ही में से एक हैं पीपल। आप इसके पत्तो को गौर से देखिये। ये हमारे दिल के आकार के बने हैं। इनमे छिपा हुआ हैं हमारे स्वस्थ हृदय का राज़। पीपल की कोमल पत्तियों में हृदय को ताक़त और शान्ति देने की अद्भुत क्षमता हैं। 

प्रयोग कैसे करे:

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पीपल के पंद्रह ताज़ा पत्ते ले, पत्ते ज़्यादा गुलाबी कोपले कोमल न हो, बल्कि हरे और भली प्रकार विकसित हो। इन पत्तो का ऊपर का और नीचे का कुछ भाग काट कर अलग कर दे। 
पत्ते का बाकी का हिस्सा धुलाई कर ले और साफ़ कर ले। इनको 1 गिलास पानी में (लगभग 250 मिली) डालकर धीमी आंच में पकने दे, जब पानी पक कर एक तिहाई रह जाए (लगभग 80 मिली), तो इसको साफ़ मलमल के कपडे से छान कर किसी शीतल स्थान पर ढक कर रख दे, बस दवा तैयार हैं
इसको तीन हिस्सों में बाँट ले और प्रतिदिन तीन तीन घंटे के अंतराल में ले। और ये खुराक लेने से पहले थोड़ा हल्का भोजन जैसे दलिया वगैरह या आटे से बने 2-3 बिस्कुट ज़रूर ले मतलब ये खाली पेट नहीं लेनी
जिनको हृदय घात हो चुका हैं वह जब कुछ दिनों में थोड़े सामान्य हो जाए तब ये प्रयोग लगातार 15 दिन तक करे इस से उनका हृदय पुनः स्वस्थ हो जायेगा और दिल का दौरा पड़ने की सम्भावना नहीं रहेगी । 
दिल का दौरा पड जाने से परेशान व्यक्ति इस प्रयोग को ज़िंदगी में कम से कम एक बार ज़रूर करे, इस नुस्खे से उनका हृदय रोग निर्मूल हो सकता हैं।

परहेज :-

इस प्रयोग काल में कुछ परहेज बहुत ज़रूरी हैं, ताली हुयी चीजे, चावल, मांस मछली, अंडे, शराब, धूम्रपान,नमक, चिकनाई का प्रयोग बिलकुल बंद कर दे

खाए :-

अनार, पपीता, आंवला, बथुआ, लहसुन, मेथी दाना, मौसमी, सेब का मुरब्बा, रात में काले चने भिगो कर सुबह खाली पेट खाए, किशिमिश, दही छाछ।
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इस पोस्ट के माध्यम से दी गयी जानकारी हमारी समझ में पूरी तरह से हानिरहित हैं, फिर भी आपके आयुर्वेदिक चिकित्सक के परामर्श से ही इन प्रयोगों को करने की हम आपको सलाह देते हैं ।
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डॉक्टरों की भी बोलती बंद हो गयी इस उपाय को देखकर – इसे बालों पर लगाने से आपके बाल कभी सफेद नहीं होंगे


डॉक्टरों की भी बोलती बंद हो गयी इस उपाय को देखकर – इसे बालों पर लगाने से आपके बाल कभी सफेद नहीं होंगे



डॉक्टरों की भी बोलती बंद हो गयी इस उपाय को देखकर – इसे बालों पर लगाने से आपके बाल कभी सफेद नहीं होंगे
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सफेद होते बालों की समस्या से हर तीसरा चौथा आदमी परेशान है । कितना अच्छा हो अगर कोई उपाय ऐसा मिले जिसके प्रयोग से बालों के सफेद या ग्रे होने की रफ्तार पर थोड़ा अंकुश लगाया जा सके । हम आपको बता रहे हैं एक ऐसा ही सरल पेस्ट बनाने का तरीका जो बालों का ख्याल उतनी ही अच्छी तरह से रखता है जितनी अच्छी तरह से आप रखना चाहते हैं । इस पेस्ट को अपने सफेद या ग्रे होते बालों पर लगाने से आपके बाल बिल्कुल सफेद नहीं होंगे और मजे की बात यह है कि यहहै कि यह बालों के ओरिजिनल रंग को वापस ले आता है, अगर बाल पहले से ही ग्रे या सफेद हो चुके हैं तो यह उन्हें भी फिर से काला कर देगा, सफेद बाल बूढ़े होने का एक संकेत है।
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ग्रे बाल उम्र के साथ आते रहेंगे और कोई भी इसे नियंत्रित नही कर सकता है। लेकिन हाँ, आप समय से पहले सफेद होने वाले ग्रे बालो को रोक सकती हैं. बस इस पेस्ट को लगाए और जादू देखे।
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सामग्री:

– मुट्ठीभर करी पत्ते
– छाछ (बटर मिल्क)
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करी पत्ते लें और उन्हें धो लें. अब उन्हें एक क्रशर में डाल दें और उस में छाछ के 2-3 बड़े चम्मच डालें. अब पत्तियों को पीसना चालू करें और तब तक करते रहें जब तक आपको एक गाढ़ा हरा पेस्ट नहीं मिल जाता. अपने सिर पर इस पेस्ट को लगायें और धीरे से 5 मिनट के लिए मालिश करें. अपने बालों पर पेस्ट फैला लें और इसे 10-15 मिनट के लिए छोड़ दें. इस के बाद, इसे ठंडे पानी से धो लें. अगर आप एक महीने में दो बार इस उपाय का उपयोग करती हैं, तो आपको कभी सफेद बालों की समस्या नहीं होगी, अगर आपके बाल पहले से ही सफेद हैं, तो यह उपाय एक महीने में 5-6 बार करें।
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